beloor mein chenn keshav ka mandirदक्षिण भारत में बेलूर का विशेष स्थान है। चेन्न केशव का मंदिर बेलूर को तीर्थस्थल है। इस मंदिर की प्रतिष्ठा विष्णुवर्द्धन होयसल ने की थी। मंदिर नक्षत्र की आकृति का है। प्रवेश द्वार का मुख पूर्व दिशा की ओर है। मुख्य द्वार से प्रवेश करने पर एक चतुष्कोणमंडप आता है। यह मंडप खुला हुआ है। भगवान की मूर्ति लगभग 7 फुट ऊंची चतुर्भुज मूर्ति है। उनके साथ उनके दाहिने भूदेवी और वाएं लक्ष्मीदेवी श्रीदेवी हैं। शंख, चक्र, गदा और उनके हाथों में हैं।
यहाँ कप्पेचेनिंग राय का मंदिर kappechening raay ka mandir का निर्माण विष्णुवर्द्धन की महारानी ने कराया था। इसमें पांच मूर्तियां हैं – श्रीगणेश, सरस्वती, लक्ष्मीनारायण, लक्ष्मी – श्रीधर और महिषासुरमर्दिनी दुर्गा। इनके अतिरिक्त एक मूर्ति श्रीवेणुगोपाल की भी है। यह मंदिर एक ऊंची दीवार के घेरे में चबूतरे पर स्थित है। इसकी मूर्तिकला अद्भुत है। इस मंदिर के घेरे में ही कई मंदिर और हैं। एक लक्ष्मीजी का मंदिर है और एक शिवमंदिर है, जिसमें सात फुट से भी ऊंचा शिवलिंग प्रतिष्ठित है। बेलूर का प्राचीन नाम लेलापुर है। बेलूर मैसूर – आरसीकेरे दक्षिण रेलवे की लाइन के हरसन रेलवे स्टेशन से 37 किलोमीटर दूर है। बेंगलुरु, हरिहर, पूना लाइन के बाणावर स्टेशन से यह 28 किलोमीटर दक्षिण – पश्चिम में है।