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त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु व महेश यानी शिव। त्रिदेवों में भगवान शिव यानी शंकर को भोलेनाथ कहा जाता है, यदि श्रद्धा भाव से युक्त होकर इनकी अराधना की जाए तो यह शीघ्र प्रसन्न होते हैं। आदि पुरुष भूतभावन भगवान शंकर का पूजन-अर्चन यदि सावन में किया जाए तो वे भक्त पर अतिशीघ्र कृपा करते हैं।
ऐसे भगवान भोलनाथ का पूजन अर्चन यदि सावन के सोमवार के अवसर पर किया जाता है तो भूतभावन भगवान शंकर की कृपा अतिशीघ्र प्राप्त होती है। इसमें संशय नहीं है। यदि सावन के पावन महीने में महामृत्युंजय मंत्र से भोलेनाथ का सुमिरन किया जाता है तो नि: संदेह भक्त को कल्याण की प्राप्ति होती है। भगवान शंकर की कृपा से मृत्यु को भी टाला जा सकता है। भगवान शंकर के पावन महामंत्र महामृत्युंजय को संजीवनी मंत्र भी इसलिए कहा जाता है।
महामृत्युंजय से होता है इन दोषों का नाश
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