bhaarat-mein-mankeepaaksa-taiyaariyaan-pukhta-peeseeaar-besda-kit-vikasitनई दिल्ली। ब्रिटेन, अमेरिका, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, इजराइल, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में मंकीपॉक्स के केस सामने आए हैं। केवल 2 हफ्तों में ही मामलों की संख्या 100 के पार जा चुकी है। हालांकि, इस बीमारी से अब तक एक भी मौत नहीं हुई है। छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बेहद कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग शामिल हैं। 5 साल से छोटे बच्चे इसकी चपेट में जल्दी आते हैं। देश में मंमंकीपाक्स का कोई केस सामने नहीं आया है, लेकिन तैयारियां पुख्ता है, ट्रिविट्रान हेल्थकेयर ने विकसित की जांच किट विकसित कर ली है । 20 से ज्यादा देश में फैल चुके मंकीपाक्स वायरस को लेकर दहशत का आलम है। मंकीपॉक्स के दुनिया में बढ़ते मामलों को देखते हुए अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी मॉडर्ना ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन के लिए प्री क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर दिए हैं। मंकीपॉक्स एक जूनोटिक वायरस है जो जानवरों में फैलता है। एयरपोर्ट या ऐसी किसी जगह पर जाने से बचें, जहां विदेश से लोग सीधे आते हैं।
दुनिया अभी कोरोना महामारी से उबरी भी नहीं थी कि इस वायरस के बढ़ते संक्रमण ने सनसनी मचा दी है। यह वायरस कभी पश्चिम और मध्य अफ्रीका के देशों तक ही सीमित था लेकिन अब यह विश्व स्तर पर तेजी से फैल रहा है। दुनिया में 200 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक संदिग्ध केस भी सामने आए हैं। ट्रिविट्रान हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्र गंजू ने कहा कि भारत हमेशा ही दुनिया को मदद देने में सबसे आगे रहा है। खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने दुनिया की बढ़चढ़ कर मदद की। मौजूदा वक्त में दुनिया को सहायता की जरूरत है। वहीं यूएस सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (US Centers for Disease Control and Prevention, CDC) का कहना है कि मंकीपाक्स वायरस ऑर्थोपाक्स वायरस जीनस (Orthopoxvirus genus) से संबंधित है। CDC के मुताबिक यह पाक्सविरिडे परिवार का सदस्य है। सनद रहे वेरियोला वायरस जो चेचक का कारण बनता है वह भी आर्थोपाक्स वायरस जीनस का सदस्य है। आर्थोपाक्स वायरस जीनस (Orthopoxvirus genus) के अन्य सदस्यों में वैक्सीनिया (चेचक के टीके में प्रयुक्त) वायरस और काउपाक्स भी शामिल है।