प्रारब्ध से हमें जीवन में कष्ट उठाने पड़ते हैं। ऐसे में भाग्य भी हमारा साथ नहीं देता है। प्रारब्ध को बदल पाना हमारी सामथ्र्य में नहीं होता है, लेकिन वर्तमान कर्म को सुधार कर हम अपना आज जरूर सुधार सकते हैं। कर्म में सुधार के साथ ही ऐसे में ईश्वरीय कृपा भी अति आवश्यक है, जो आपको कष्टोें से मुक्ति दें या फिर यूं कहंे कि आपको कष्टों का सामना करने की शक्ति प्रदान करें और जीवन की राह के काटों को हटाये, ताकि आपका भाग्य भी ईश्वरीय कृपा से आपका साथ दे।
भाग्य जगाने का मंत्र है-
मंत्र महामुनि विषय ब्याल के।
मेटत कठिन कुअंक भाल के।।
हल्दी की गांठों की माला बनाकर इस मंत्र के एक हजार जप नित्यप्रति छह माह तक करते रहने से भाग्य अनुकूल हो जाता है। इस मंत्र के प्रयोग से भाग्य की विडम्बनाओं का नाश किया जाता है। इस बात का विश्ोष ध्यान रखने की आवश्यकता है कि मंत्र जप पूर्ण श्रद्धा व भक्ति के साथ किया जाए। नित्य नीयत समय पर मंत्र जप करना चाहिए। यहीं नहीं कोई भी जप या साधना अगर आप कर रहे हैं तो उसके लिए उचित समय निश्चित करें और मंत्र जप सुनिश्चित करें। प्रात: या शाम का समय मंत्र जप के लिए उत्तम रहता है।
भाग्य जगाने का शक्तिशाली मंत्र
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