वेद विचार: भक्ति करने वालों तथा सत्कर्म करने वालों को तृप्ति देने वाला है परमात्मा
=======
परमात्मा ईश्वर-भक्ति करने वालों तथा सत्कर्म करने वालों को तृप्ति देने वाला है। परमात्मा आनंदस्वरूप है। ईश्वर का आनंद ईश का ध्यान करने वाले भक्तों की आत्मा में झरता है।
परमात्मा के आनंद का प्रभाव भक्त के अन्नमय, प्राणमय और मनोमय आदि सभी कोशों वा पूरे शरीर पर पड़ता है। ईश्वर के भक्त परमात्मा का ध्यान करते हुवे ईश्वर भक्ति से अपने जीवन को अलंकृत व शोभायमान करते हैं।
Advertisment
अतः सब मनुष्यों को ईश्वर की भक्ति में भर कर अपने जीवन को आनंद व उल्लास से युक्त करना चाहिए।
-प्रस्तुतकर्ता मनमोहन आर्य
सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें।
सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।