भोजनकक्ष एक ऐसा स्थान है, जिसे बहुत ही सोच- विचार कर बनाना चाहिए, क्योंकि यह स्थान घर में सकारात्मकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आपने भोजनकक्ष को ऐसे स्थान पर बनाया, जो कि वास्तु की दृष्टि से उचित नहीं है तो इसका नकारात्मक प्रभाव आपके जीवन पर पड़ता है, इसलिए भोजन कक्ष निर्धारण में वास्तु के नियमों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। भोजनकक्ष वह स्थान है, जहां घर के सभी लोग बैठकर एक साथ भोजन करते है। भोजनकक्ष एकता का प्रतीक है । इस कक्ष में एक – दूसरे को समझने और बात करने का अवसर प्राप्त होता है। इसके साथ ही अपनत्व उत्पन्न होता है।
फेंग शुई के मुताबिक भोजन करने की मेज की बनावट जितनी साधारण हो, उतना अच्छा है। इस कक्ष में एक बड़ी मेज होने से खाना खाने वालों को सम्पन्नता का अहसास कराती है।
भोजन करने की मेज कांच या धातु की अपेक्षा लकड़ी की अच्छी होती है, क्योंकि लकड़ी प्राकृतिक होने के कारण यिन ऊर्जा का संचार करती है। मेज को आप दक्षिण – पश्चिम क्षेत्र में रखें, ताकि आपके रिश्तों के बीच शांति एवं प्यार बना रहे। लकड़ी प्राकृतिक होने के कारण यिन ऊर्जा का संचार करती है, इसलिए लकड़ी की मेज रहनी चाहिए।