चामुंडा शक्तिपीठ ( मथुरा ): चामुंडा हैं शववाहना, यहां सती के केशपाश का निपात हुआ था

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chaamunda shaktipeeth ( mathura ): chaamunda hain shavavaahana, yahaan satee ke keshapaash ka nipaat hua thaचामुंडा शक्तिपीठ ( मथुरा ): वैयाकरण चामुंडा का अर्थ ब्रह्मविद्या बतलाते हैं, जब कि मार्कडेय पुराण में चंड – मुंड का वध करने के कारण चामुंडा शब्द की सिद्धि होती है। दुर्गा कवच में चामुंडा को शववाहना कहा गया है।

चामुंडा शक्तिपीठ ( मथुरा ) की धार्मिक कथा 

भगवती महासुंदरी का पंचासन भी सदाशिव का है। उल्लेख है कि श्रीयंत्र के आवरण अर्चन में भूपुर की दूसरी रेखा में चामुंडा की ही अर्चना होती है। वर्तमान में चामुंडा देवी के दो स्थल हैं। एक स्थल हिमाचल के बाणगंगा के किनारे स्थित है और दूसरा मथुरा के पास स्थित है।

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वर्तमान में मथुरा के उत्तर में शक्तिपीठ – पश्चिम में वृंदावन मथुरा रेल लाइन पर मसानी स्टेशन है, जिसके आसपास का क्षेत्र अंबिका वन कहलाता है। यहां प्राचीन मंदिर है, जो भूतेश्वर मंदिर कहलाता है और उसी प्रांगण में देवी चामुंडा का मंदिर स्थित है। यहां सती के केशपाश का निपात हुआ था। यहां भी शक्ति उमा तथा भैरव भूतेश माने गए हैं। दिल्ली से यात्री सड़क मार्ग से वृंदावन होते हुए यहां पहुंच सकते हैं। ठहरने हेतु मथुरा व वृंदावन में उत्तम व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं।

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