चंद्र देव की कृपा से मनुष्य को मानसिक शांति प्राप्ति होती है। शीतलता प्रदान करते हैं। उनकी कृपा भगवान भोलेनाथ की कृपा से प्राप्त होती है। चंद्र देव भी भगवान शंकर को प्रिय हैं।
1- हरिवंश पुराण में बताया गया है कि चंद्र देव का प्रसन्न करने के लिए शिव उपासना श्रेष्ठ है।
2- मंत्र सिद्ध नवरत्न जड़ित श्रीयंत्र लॉकेट गले में धारण करने से चंद्र देव की कृपा प्राप्त होती है।
3- हर सोमार को बबूल के झाड़ में दूध अर्पित करना उत्तम होता है।
4- मंत्रसिद्ध चैतन्य दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करनी चाहिए।
5- शिव चालीसा का नियमित पाठ करना चाहिए।
6- चंद्र पीड़ित को प्रदोष और श्रावण सोमवार का व्रत आवश्य रखना चाहिए।
7- शिव चालीसा का पाठ नियमित रूप से करना उत्तम रहता है।
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8- मंत्रसिद्ध चैतन्य पारद शिवलिंग प्राप्त करके उसका यथाविधि पूजन करने से चंद्र पीड़ा शीघ्र की शांत होती है। इससे चंद्र देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
9- बलारिष्ट से बचने के लिए बच्चे के गले में मोती युक्त चांदी का चंद्रमा अभिमंत्रित करके कवच के रूप में धारण कराना चाहिए।
1०- द्बादश ज्योतिर्लिंगों का दर्शन-पूजन और यात्रा करनी चाहिए।
11- आसमानी बर्फ यानी ओले शीशी में भर कर रख्ों या गंगाजल का प्रयोग करना चाहिये। इससे चंद्र देव प्रसन्न होते हैं।
12- दुर्गा सप्तशती का पाठ से चंद्रमा समेत सभी ग्रह शांत होते हैं। अनुकूलता प्रदान करते हैं। सर्वसिद्धप्रद होते हैं।
13- चंद्रमा यदि उच्च का हो तो चंद्रमा की वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए।
14- घर में मंत्र सिद्ध चैतन्य स्फटिक श्री यंत्र स्थापित करना चाहिए। उसके सम्मुख श्री सुक्त के मंत्रों का नियमित रूप से पाठ करना चाहिए।
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15- मंत्र सिद्ध चैतन्य रुद्राक्ष माला से ऊॅँ नम: शिवाय…… का नित्य जाप करें। दैनिक रूप ेस एक माला का जप करने से चंद्र देव प्रसन्न होते हैं।
16- अत्यन्त दुर्लभ असली एक मुखी रुद्राक्ष को पूजा स्थान पर स्थापित करने और उसकी नियमित पूजा करने से चंद्र देव की कृपा होती है।
17- तीन सफेद पुष्प प्रति सोमवार को और पूर्णिमा को कुएं में या बहते पानी में प्रवाहित करने चाहिए। इससे चंद्र देव प्रसन्न होते हैं।
18- चंद्र पीड़ा की विश्ोष शांति के लिए चांदी, मोती, सीप, शंख, कमल और पंचगव्य मिलाकर सात सोमवार तक स्नान करना श्रेयस्कर होता है।
19- चावल, चांदी, दूध आदि का नियमित रूप से दान करने से चंद्र देव प्रसन्न होते हैं। दान में पात्रता का ध्यान रखना आवश्यक है।
2०- कर्क या वृष के निर्बल चंद्र के लिए भगवती गौरी या परांबा ललिता की आराधना करनी चाहिए।
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21- चंद्र निर्बलता से शरीर में कैल्शियम कंी विश्ोष कमी हो जाती है। इसका सेवन विश्ोष लाभ प्रदान करता है।
22- केतु के साथ चंद्र होने पर गणपति की उपासना करनी चाहिए।
23- चंद्र यादि नीच का हो तो चंद्र की चीजों का दान करना चाहिए। यह उपाय पांच, ग्यारह या 43 दिन या सप्ताह या फिर एक माह तक करना चाहिए।
24- घर की छत के नीचें कुआ या हैंडपम्प न लगायें।
25- चारपायी के चाारों पायों में चांी की कील गाड़नी चाहिए। इससे चंद्र देव प्रसन्न होते हैं।
26- दूध के बर्तन रात को सिरहाने रखकर सुबह कीकर या यज्ञीवृक्ष की जड़ में डालना चाहिये।
27- चंद्रमा को मजबूत करने के लिए और धन प्राप्ति के लिए मोती युक्त चंद्र यंत्र गले में धारण करना चाहिए।
28- अनिष्ट चंद्रमा की शांति के लिए पूर्णिमा व्रत समेत चंद्र मंत्र का विधिवत् अनुष्ठान करना चाहिए।