समय का फेर : समाजवादी पार्टी के दामन पर खून के धब्बे, अब रामलला का दर्शन करेंगे अखिलेश यादव!

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रामलला का दर्शन करेंगे अखिलेश यादव!

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। समय बहुत बलवान है, यह एक बार फिर सिद्ध हो गया। जिन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की भी हिंदू विरोधी छवि रही है। वह आज हिंदू मतदाताओं का महत्व स्वीकारने को मजबूर हो गए है। उन्हें भी हिंदू मतदाताओं की ताकत का अससास हो गया है। अब वह मंदिर-मंदिर घूम कर हिंदू वोट को अपने पाले में करने की जुगत में लगे हुए हैं। हालांकि उनके इस क्रियाकलाप का कितना असर होगा, यह तो समय ही बताएगा। वजह यह है कि जिस तरह से राम मंदिर के कारसेवकों पर जिस तरह से उनके पिता मुलायम सिंह यादव से गोलियां चलवाई थी, उसे हिंदू जनमानस आज तक नहीं भूला है। समाजवादी पार्टी के दामन में लगे वह खून के धब्बे मिटे नहीं है। वह मंजर आज भी हिंदू के जेहन में कौंध जाता है। सैकड़ों कारसेवकों किस तरह से मुलायम की सरकार में गोलियों से भून दिया गया था। हैरत में डालने वाली बात यह है कि एक तरफ तो अखिलेश यादव हिंदू हितैषी होने का संदेश देने का प्रयास कर रहे है, साथ ही मुस्लिम मतदाताओं का मोह भी नहीं त्याग पा रह है। वह दोनों हाथों में लड्डू चाहते हैं, जो कि वर्तमान राजनीतिक परिदृष्य में फिलहाल मुमकिन नहीं नजर आ रहा है। बहरहाल यह सियासत है, ये आज के सियासतदान है, ये मौकापरस्त हैं, यह अपने राजनीतिक फायदे के लिए कौन सा दाव खेल जाए, कोई कुछ नहीं कह सकता है।

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राम मंदिर के मुद्दे पर खून से रंगे सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव अयोध्या जाकर श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान भगवान रामलला का दर्शन करेंगे। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के प्रचार के लिये दिन-रात जुटे सपा मुखिया अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वह अयोध्या जाएंगे और मंदिर के दर्शन करेंगे।

 

उन्होंने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर भी स्पष्टीकरण दिया। बुंदेलखंड यात्रा के दौरान झांसी में एक न्यूज चैनल से बात-चीत में यादव ने कहा कि बीजेपी के दामन पर खून के धब्बे लगे हैं। बीजेपी ने पिछले साढ़े चार सालों में कुछ नया नहीं किया। बल्कि उन्हीं पर काम हुआ जिस पर पुरानी सरकारों ने फैसले लिए थे। अखिलेश ने कहा कि वह अयोध्या में राम मंदिर बनने में दर्शन करने जाएंगे और दक्षिणा देंगे।

अखिलेश ने कहा मेरे घर में भगवान राम का मंदिर है, वहां मैं दर्शन करता हूं। जब अयोध्या में मंदिर बन जाएगा तो वहां भी जाऊंगा और दक्षिणा दूंगा।’ अखिलेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ये चंदा मांगने की जो व्यवस्था है वह हिंदू धर्म में नहीं थी। ऊपर से उस चंदे में भी इन लोगों ने चोरी कर ली।’ जिन्ना पर दिए बयान से मचे बवाल पर अखिलेश ने कहा, ‘कम से कम बीजेपी को अपने पुराने मंत्री, उनके सबसे बुजुर्ग नेता की बात सुननी चाहिए जिन्होंने जिन्ना किताब लिखी। उन नेता ने क्या कहा था, इस बारे में बीजेपी को पढ़ना चाहिए।’ अखिलेश ने कहा कि ‘जिन्ना पर बयान स्लिप ऑफ टंग नहीं था, केवल एक चीज थी कि वे एक साथ संस्थान में पढ़े थे और कभी-कभी एक ही संस्थान में पढ़कर और एक ही जगह रहकर लोग अलग-अलग बात करते हैं। जैसै समाजवादी पार्टी लोगों को जोड़ने की बात कर रही है और वहीं बीजेपी नफरत पैदा कर रही है।’

किसान आंदोलन और तीनों किसान बिल पर बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि ‘पहले बीजेपी ये बताए उन तीन कानूनों में क्या हक में था जो कानून में था, अगर हक में था तो क्या वजह है कि वापस ले लिए गए? ये उन्हें जनता को बताना पड़ेगा।’ ‘जलियांवाला बाग में सामने से गोली चलाई गई थी। लखीमपुर खीरी में इन्होंने (बीजेपी) पीछे से किसानों को कुचल दिया। बीजेपी के दामन में खून के धब्बे लगे हैं। न जाने कितना समय लगेगा इन्हें मिटाने में।’

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