चीन ने कई देशों से अनाज के आयात में की कटौती

0
23

बीजिंग, 21 अप्रैल (एजेंसी)। चीन ने कई देशों से अनाज के आयात में भारी कटौती की है। चीनी सीमा शुल्क के आंकड़ों पर स्पूतनिक के विश्लेषण से यह जानकारी मिली कि सबसे ज़्यादा यूक्रेन और यूरोपीय संघ से अनाज के आयात में कटौती की है, जो पहले इसके मुख्य आपूर्तिकर्ता हुआ करते थे।

चीनी अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मार्च में अनाज के आयात में चार गुना गिरावट आई है, जो अब घटकर 46.39 करोड़ डॉलर रह गई है। अनाजों में से मक्का के आयात में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई जो 23 गुना घटा, जबकि गेहूं का आयात 10.6 गुना घटा है।

Advertisment

यूक्रेन से अनाज के आयात में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई, जो यह 2,400 गुना घटा। पिछले साल मार्च में जहां यूक्रेन से 14.13 करोड़ डॉलर का अनाज आया था, वहीं इस साल यह आंकड़ा महज 60,000 डॉलर पर सिमट गया। यूरोपीय संघ से आयात भी कुछ कम नहीं घटा, जर्मनी से आयात 779 गुना घटकर 44,000 डॉलर रह गया, जबकि फ्रांस से आयात 204 गुना घटकर 10 लाख डॉलर रह गया।

इस साल बुल्गारिया से कोई भी अनाज आयात नहीं हुआ। हालांकि कुछ अन्य यूरोपीय देशों से थोड़ा-बहुत अनाज चीन को भेजा गया,जिसमें डेनमार्क से 337,000 डॉलर, इटली से 48,500 डॉलर का अनाज आया।

चीन ने उत्तर और दक्षिण अमेरिका से भी अनाज का आयात घटा दिया है, ब्राजील से आयात 17.5 गुना घटकर 2.08 करोड़ डॉलर, अमेरिका से 11 गुना घटकर 2.03 करोड़ डॉलर, और अर्जेंटीना से आयात 06 गुना घटकर 2.1 करोड़ डॉलर रह गया।

ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से भी आयात 2 गुना से अधिक घटा है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया से 2.6 गुना कम और कनाडा से 2.5 गुना कम अनाज आया।

कुछ देशों ने चीन को मुख्य रूप से चावल के माध्यम से अपने निर्यात में वृद्धि की है। भारत ने अपने निर्यात को 284 गुना बढ़ाकर 1.38 करोड़ डॉलर तक पहुंचा दिया। वियतनाम ने अपने निर्यात को तीन गुना बढ़ाकर चार करोड़ 65 लाख डॉलर, थाईलैंड ने 1.5 गुना बढ़ाकर 2.68 करोड़ डॉलर, और म्यांमार व कंबोडिया ने क्रमशः 1.8 करोड़ और 80 लाख डॉलर तक अपने निर्यात को बढ़ाया।

उल्लेखनीय है कि उरुग्वे एकमात्र देश रहा जिसने चीन को जौ (बार्ली) का निर्यात 67 गुना बढ़ाकर 1.10 करोड़ डॉलर तक पहुंचाया।

चीनी सीमा शुल्क के आंकड़ों के अनुसार, मार्च में रूस से चीन को ‘कुट्टू’ का आयात रिकॉर्ड स्तर पर एक करोड़ 33 लाख तक पहुंच गया। वसंत की शुरुआत में, रूस ने चीन को महीना-दर-महीना 2.9 गुना और साल-दर-साल 2.8 गुना ज्यादा कुट्टू निर्यात किया। हालांकि, जौ के निर्यात में 38 प्रतिशत की कमी, जई में 17.5 प्रतिशत की कमी, गेहूं में 10 गुना कमी (अब केवल 438,000 डॉलर) और मक्का 19 गुना घटकर 33,000 डॉलर हो गया। मार्च में रूस से कुल अनाज का निर्यात दो करोड़ 86 लाख डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में तीन करोड़ 19 लाख डॉलर था।

यह प्रवृत्ति चीन में विदेशी अनाज की मांग में गिरावट के चलते शुरू हुई है: मार्च 2023 में जहां चीन ने 1.8 अरब डॉलर मूल्य का अनाज आयात किया था, वहीं इस साल की शुरुआत में यह घटकर केवल 46.39 करोड़ डॉलर रह गया।

अंतरराष्ट्रीय अनाज परिषद की उम्मीदों के मुताबिक मांग में इस भारी गिरावट के कारण चीन दुनिया का सबसे बड़ा अनाज आयातक नहीं रह सकता है। पिछले कृषि वर्ष 2023-2024 के दौरान चावल को छोड़कर चीन ने करीब 5.84 करोड़ टन अनाज का आयात किया था, लेकिन इस प्रवृत्ति के कारण इस कृषि वर्ष की मात्रा केवल 3.03 करोड़ टन तक ही पहुंच सकती है, जो यूरोपीय संघ के आम बाजार से थोड़ा कम है।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here