चूहे, छदूदर या छिपकली की समस्या से हर घर में हैं। हर कोई इन्हें भगाने के लिए प्रयास करता है, लेकिन इसके बावजूद यह जीव घरों में डेरा डाले रहते हैं। ये जीव अक्सर सोते हुए व्यक्ति को काट भी लेते हैं। ऐसे में क्या किया जाए? इसे लेकर उहापोह रहती है, आज हम आपको चहे, छछूदर या छिपकली के काटने से कुप्रभाव से बचने के आयुर्वेदिक उपचार बताने जा रहे है, उम्मीद है, यह उपाय आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगे।
एक जमाने में जब एलोपैथी पद्धति प्रचलन में नहीं थी, तो यह उपाय अपनाकर लोग इन जीवों के काटे जाने पर स्वयं की रक्षा करते थ्ो। चूहा , छछूदर या छिपकली के काटने पर बकरी की मेंगनी बकरी के मूत्र में पकाकर लेप करें । इससे लाभ होता है। एक अन्य उपाय भी है, जो अत्यन्त प्रभावशाली है, उसके अनुसार काले तिल, जवासा, मजीठ, करंजा की गिरी, हल्दी, सिरस के बीज – इन्हें लहसून के रस में पीसकर लेप करें। एक अन्य उपाय है कि आप जिस स्थान पर चूहे, छिपकली या छछूदर ने काटा है, वहां पर दालचीनी का तेल लगाये।
असरकारक उपाय- 1- चौकिया सुहागा, जायफल, बायविडंग, सिरस के बीज इन्हें नीबू के रस में पीसकर लेप करें ।
2- सोंठ, वच, पीपर, जवासा, काली मिर्च, लोंग, कपूर, दालचीनी, इन्हें पीसकर लगायें।