कांग्रेस के हिंदू विरोधी फैसले

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कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया गया है कि उसने कुछ बोर्ड और संस्थान बनाकर हिंदू धर्म को नुकसान पहुंचाया है। यह आरोप मुख्य रूप से भाजपा और अन्य हिंदू संगठनों द्वारा लगाए जाते हैं। यहां कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं जो इस संदर्भ में उल्लेखनीय हैं:

1. *वक्फ बोर्ड*: वक्फ बोर्ड का गठन मुस्लिम धर्मार्थ संपत्तियों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए किया गया था। कुछ आलोचकों का मानना है कि वक्फ बोर्ड को विशेष अधिकार दिए जाने से हिंदू धार्मिक संस्थानों और संपत्तियों की अनदेखी हुई है।

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2. *माइनॉरिटी कमीशन*: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (National Commission for Minorities) का गठन 1978 में किया गया था। इसका उद्देश्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके विकास को बढ़ावा देना है। आलोचकों का कहना है कि यह आयोग अल्पसंख्यकों के हित में काम करते हुए बहुसंख्यक हिंदू समुदाय की चिंताओं को नजरअंदाज करता है।

3. *मदरसा बोर्ड*: मदरसा शिक्षा को प्रोत्साहन देने और सुधारने के लिए विभिन्न मदरसा बोर्डों का गठन किया गया। आलोचकों का मानना है कि इस तरह के कदम हिंदू धर्म और शिक्षा संस्थानों को समान महत्व नहीं देते हैं।

4. *सांप्रदायिक तुष्टिकरण*: कांग्रेस पर सांप्रदायिक तुष्टिकरण की राजनीति करने के आरोप लगते रहे हैं, जिसमें खासकर मुस्लिम समुदाय को खुश करने के लिए कदम उठाए गए, जबकि हिंदू समुदाय की चिंताओं को नजरअंदाज किया गया।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी इन आरोपों को नकारती है और कहती है कि उसने हमेशा धर्मनिरपेक्षता और सभी धर्मों का सम्मान करने की नीति अपनाई है। पार्टी का दावा है कि उसके निर्णय संविधान और कानून के अनुसार होते हैं और किसी विशेष धर्म के खिलाफ नहीं होते।

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