कांग्रेस की छिछोरी पॉलिटिक्स

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नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पांचवी पंक्ति में बैठने को लेकर हल्ला काट रहे कांग्रेसियों का छिछोरा स्वभाव को फिर से उजागर हुआ है। हालांकि उन्हें नियम के तहत पांचवी पंक्ति में बैठाया गया है।  कांग्रेस नेबिकहा है कि लाल किला पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे को पांचवीं पंक्ति में बैठाना देश के उन करोड़ों लोगों का अपमान है जिनकी आवाज वे बराबर संसद में उठते हैं।

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने मोदी सरकार के इस निर्णय को बेतुका बताया और कहा कि श्री अमित शाह तथा निर्मला सीतारमण जैसे कैबिनेट मंत्री को पहली पंक्ति में बिठाया गया जबकि श्री खडगे और श्री गांधी को 5वीं पंक्ति में बैठने की जगह दी गई। उन्होंने इस संदर्भ में रक्षा मंत्रालय के तर्क को भी बेतुका करार दिया है।

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श्री गांधी तथा श्री खडगे को स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रोटोकॉल के अनुसार जगह नहीं देने पर प्रधानमंत्री पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि चार जून के परिणाम के बाद भी श्री मोदी सबक नहीं सीख रहे हैं।

उन्होंने कहा “मोदी जी, समय आ गया था कि 04 जून के बाद आप जागते और वास्तविकता को समझते लेकिन जिस अहंकार के साथ आपने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेताओं को अंतिम पंक्ति में बिठाया उससे पता चलता है कि आपने अभी सबक नहीं सीखा है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस संबंध में रक्षा मंत्रालय का यह तर्क बेतुका है कि इस वर्ष ओलंपिक पदक विजेताओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया था और उसी हिसाब से मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की गई।

उन्होंने कहा “आश्चर्य की बात यह भी है कि श्री शाह तथा श्रीमती सीतारमण को आगे की पंक्ति में बैठने की जगह मिलती है। प्रोटोकॉल के अनुसार, दोनों सदनों के विपक्ष के नेताओं को आगे की पंक्ति में बैठना चाहिए लेकिन राहुल जी और कांग्रेस अध्यक्ष की सीटें 5वीं पंक्ति में रखी गई।”

कांग्रेस ने कहा “यह सिर्फ एलओपी के पद या राहुल गांधी का अपमान नहीं था। यह भारत के उन करोड़ों लोगों का अपमान था जिनकी आवाज़ राहुल जी संसद में उठाते हैं।”

सरकार के सूत्रों ने इस संदर्भ में सफाई देते हुए यह भी बताया कि ओलंपिक पदक विजेताओं के पीछे सिर्फ श्री गांधी ही नहीं बल्कि कुछ केंद्रीय मंत्री भी बैठे थे।

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