चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र के विधायी कार्यों का ब्योरा मांगने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय’ करार दिया और कहा कि पंजाब में ‘ऑपरेशन लोटस’ सफल करने के लिए राज्यपाल भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं।
‘आप’ के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने शनिवार को कहा कि पिछले 75 वर्षों में कभी किसी राष्ट्रपति या राज्यपाल ने सत्र बुलाने से पहले विधायी कार्यों की सूची नहीं मांगी लेकिन पंजाब में ऐसा पहली बार हो रहा है क्योंकि राज्यपाल स्पष्ट रूप से भाजपा और कांग्रेस के साथ मिलकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने और आम आदमी पार्टी की सरकार को काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
श्री अरोड़ा ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है, वहां राज्यपालों को विपक्ष के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा अपनी मशीनरी का दुरुपयोग कर सत्तारूढ़ सरकार को काम करने से रोकने और अपने नापाक एजेंडे को लागू करना चाहती है। इसलिए राज्यपाल आप सरकार को बार-बार नोटिस भेज रहे हैं और पार्टी को भारत के संविधान के अनुसार स्वतंत्र रूप से काम करने से रोक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 27 सितंबर को होने वाले विधायी कार्यों का राज्यपाल कार्यालय द्वारा विवरण मांगना लोकतंत्र की हत्या का नवीनतम प्रयास है। इससे पहले, राज्यपाल ने 22 सितंबर को आप सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र को रद्द कर दिया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी भाजपा के उप-राज्यपाल केजरीवाल सरकार को काम करने से रोक रहे हैं और अब भाजपा ने यह काम पंजाब के राज्यपाल को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा आप की बढ़ती लोकप्रियता से डर गई है, इसीलिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 2012 में जब श्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने तत्कालीन राज्यपाल पर कांग्रेस के साथ उनकी सरकार के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया था। अब भाजपा भी उसी तरह काम कर रही है, ताकि देश में दूसरे दलों की राज्य सरकारों को काम करने से रोका जा सके।
केंद्र सरकार द्वारा ग्रीन हाइड्रोजन पर जर्मनी, बेल्जियम और नीदरलैंड ‘नॉलेज शेयरिंग’ दौरे के लिए राजनीतिक मंजूरी न देने पर श्री अरोड़ा ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य पंजाब में निवेश और नवीनतम तकनीकों के विकास को रोकना है।