सिविल सेवा में भ्रष्टाचार संघीय राजनीति के लिए खतरनाक़-धनखड़

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जयपुर 21 अप्रैल (एजेंसी)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सिविल सेवा में भ्रष्टाचार को संघीय राजनीति के लिए खतरनाक़ बताते हुए कहा है कि यदि सिविल सेवक राजनीतिक व्यवस्था, राजनेताओं या उद्योग, व्यापार, व्यवसाय और वाणिज्य के चुनिंदा लोगों के साथ गठजोड़ करते हैं, तो इससे सम्पूर्ण व्यवस्था कमजोर हो जाती है और सिविल सेवा का यह अनुचित मेल संघीय व्यवस्था के लिए अत्यंत खतरनाक है।


‌‌श्री धनखड़ सोमवार को यहां फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज़ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि अलग- अलग दल अलग- अलग प्रांतों में शासन करते हैं, जिससे सिविल सेवा की अहमियत और भी बढ़ जाती है। उन्होंने सिविल सेवकों को “संघवाद के वास्तविक प्रहरी और रक्षक” बताते हुए कहा कि सिविल सेवा दिवस के इस पावन दिन पर सिविल सेवकों को व्यवस्थित और नियमानुसार कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए।”

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उपराष्ट्रपति ने अपेक्षा व्यक्त की कि देश के सिविल सेवक सर्वोच्च मानकों का उदाहरण प्रस्तुत करें और पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाएं। उन्होंने कहा “भारत के सिविल सेवकों ने यह साबित कर दिया है कि कोई भी काम उनकी योग्यता से परे नहीं है।”


राजस्थान के विकास पर विशेष ध्यान देने की बात रखते हुए श्री धनखड़ ने राज्य की समृद्ध विरासत का उल्लेख किया। उन्होंने राजस्थान की तुलना गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, पुणे, बैंगलुरु, हैदराबाद, सूरत, अहमदाबाद और लखनऊ जैसे शहरों से की, जिन्होंने विकास में बड़ी छलांग लगाई है।


उन्होंने राज्य की प्रगति को नई दिशा देने के लिए विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, खनिज में मूल्य संवर्धन, कपड़ा, हस्तशिल्प, सेवा उद्योग, नवीकरणीय ऊर्जा और सौर ऊर्जा में अकल्पनीय संभावनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “राजस्थान सेवा उद्योग, आईटी उद्योग और शिक्षा के विकास के लिए एक प्राकृतिक क्षेत्र है, फिर भी ग्रीनफील्ड परियोजनाएं नहीं आ रही हैं।श्री धनखड़ ने फोर्टी जैसे संगठनों से कई थिंक टैंक स्थापित करने का आह्वान किया, जो राजस्थान के उत्पादों में मूल्य संवर्धन पर केंद्रित हों। उन्होंने राज्य के खनिज संपदा के मूल्य संवर्धन पर जोर देते हुए कहा कि “यदि अगर पूरा ही फोकस बजरी पर होगा तो मामला आगे कैसे बढ़ेगा। ये तो ट्रेडिंग का मामला है तो किसी भी राज्य के विकास की परिकल्पना इमोशन से नहीं होती।


उन्होंनेड जयपुर को “विश्व स्तरीय शहर” बताते हुए कहा कि “यह अधिक ध्यान, विकास और सेवा तथा आईटी उद्योगों के केंद्र के रूप में मान्यता का हकदार है। उन्होंने कहा, “हमारे पास गुणवत्तापूर्ण जीवन और व्यंजन प्रदान करने की क्षमता है। परिवार यहां रहना पसंद करेंगे,” साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वर्तमान वास्तविकता और इस दृष्टि के बीच अभी काफी अंतर है।


पर्यटन को बढ़ावा देने, ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के निर्माण और स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र में नए अवसरों के सृजन पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने सभी से “स्वयं को फिर से खोजने” का आह्वान किया। उन्होंने विशेष रूप से जयपुर के बारे में कहा कि यह दिल्ली के इतने करीब होने के कारण सेवा और आईटी उद्योग का महत्वपूर्ण केंद्र बनने का अवसर रखता है।

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