बच्चों के दांत निकालने, सूखापन व बच्चों के दस्त के लिए और बड़ों के पेट में गैस बनना बंद होने के लिए निम्न उल्लेखित उपाय कारगर है। उपाय है- बबूल के बकल यानी छाल मय लकड़ी के उसे जला दें। जब कोयल खूब दहक जाए और कच्चा न रहे तो उसे अलग बर्तन में उठाकर रख लें, कुछ देर में वह सफेद राख हो जाएगी। उसे कपड़े से छानकर रख लें। बच्चों को दिन में तीन बार शहद या बच्चे की मां के दूध के साथ दें तो बच्चे का सूखापन, बच्चे कके दात निकालने में व बच्चों के दांतों में अत्यन्त लाभकारी है और बड़े आदमी को दिन में तीन बार शहर या दूध से सेवन से गैस बनना बंद होगा।
दस्त का इलाज
दुधिया यानी दूधी बूटी आधा तोला, काली मर्चि पांच अदद, उसे कूटकर पानी के साथ सेवन करें और छाछ मठ्ठे से सेवन करे। लाभ होगा।
दांतों के पायरिया की दवा
पिसी हुई हल्दी और शुद्ध सरसों का तेल बराबर मात्रा में मालिश कर मंजन कर के गर्म जल से कुल्ला करें।
इससे पायरयिा दूर होगा और दात वज्र के समान मजबूत हो जाएंगे।
प्रस्तुति
स्वर्गीय पंडित सुदर्शन कुमार नागर
सेवानिवृत्त तहसीलदार/ विशेष मजिस्ट्रेट, हरदोई
नोट:स्वर्गीय पंडित सुदर्शन कुमार नागर के पिता स्वर्गीय पंडित भीमसेन नागर हाफिजाबाद जिला गुजरावाला पाकिस्तान में प्रख्यात वैद्य थे।
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