विंध्यवासिनी मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मिर्जापुर जिले में स्थित है। यह मंदिर देवी विंध्यवासिनी (मां दुर्गा का एक रूप) को समर्पित है और इसे सिद्ध पीठों में से एक माना जाता है। आइए इस मंदिर से जुड़ी जानकारी विस्तार से देखें:
📍 विंध्यवासिनी मंदिर कहां है?
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स्थान: विंध्याचल, मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश
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यह स्थान गंगा नदी के किनारे स्थित है और वाराणसी से लगभग 70 किमी की दूरी पर है।
🛤️ कैसे पहुंचे?
🚆 रेल मार्ग:
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निकटतम रेलवे स्टेशन: विंध्याचल रेलवे स्टेशन (VDL)
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यह मंदिर से लगभग 1–2 किमी दूर है।
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मिर्जापुर रेलवे स्टेशन से भी आप आ सकते हैं, जो लगभग 9-10 किमी दूर है।
🛣️ सड़क मार्ग:
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वाराणसी, प्रयागराज (इलाहाबाद), लखनऊ जैसे शहरों से सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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टैक्सी, बस और ऑटो की सुविधा उपलब्ध है।
✈️ हवाई मार्ग:
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निकटतम हवाई अड्डा: लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट (वाराणसी)
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यहां से विंध्याचल करीब 80 किमी है।
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🛕 धार्मिक महत्व
🌺 मां विंध्यवासिनी का स्वरूप:
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देवी विंध्यवासिनी को महिषासुर मर्दिनी के रूप में पूजा जाता है।
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ऐसा माना जाता है कि शक्तियों ने महिषासुर का वध करने के बाद इसी स्थान पर स्थायी निवास चुना था।
📜 पौराणिक कथा:
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देवी ने यहीं बाल रूप में जन्म लिया था और कंस के डर से यहीं आकर निवास किया।
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यह स्थान त्रिकोण तीर्थ का हिस्सा है:
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विंध्यवासिनी देवी मंदिर
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अष्टभुजा देवी मंदिर
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कालीखोह मंदिर
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इन तीनों मंदिरों की परिक्रमा को त्रिकोण यात्रा कहा जाता है।
🌕 नवरात्रि का विशेष महत्त्व:
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चैत्र और शारदीय नवरात्रि में लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
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मेलों का आयोजन होता है और भव्य सजावट की जाती है।
🌟 अन्य आकर्षण:
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गंगा आरती (गंगा घाटों पर)
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त्रिकोण यात्रा पैदल मार्ग
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मंदिर के पास खरीदारी के लिए धार्मिक वस्तुएं और प्रसाद