देहरादून – कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए देहरादून की स्टार्टअप कम्पनी सनफॉक्स टेक्नॉलोजीज प्राइवेट लिमिटेड ने एफएफपी किट (फुल फेस प्रोटेक्ट) तैयार की है। इस किट का इस्तेमाल कोरोना वॉरियर्स वायरस के संक्रमण से बचने के लिए करते हैं। स्टार्टअप कंपनी ऐसी 500 किट तैयार की हैं। इसके साथ ही इसकी मांग भी बढ़ने लगी है।
सनफॉक्स टेक्नोलॉजी के प्रबंध निदेशक रजत जैन ने “हिन्दुस्थान समाचार” को बताया कि उनकी टीम ने न्यूयार्क की कंपनी के सहयोग से यह एफएफपी किट तैयार की हैं। जो सिंगल फेस में बनती है और इसके निर्माण में कोई भी मैन्युअल टच नहीं है। विज्ञान की भाषा में यह लेजर तकनीक से बनाई जाती है। नो प्रॉफिट नो लॉस पर यह बाजार में उपलब्ध कराई जा रही हैं। कोरोना वायरस से बचाव कार्य में लगे डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही पुलिस व अन्य कर्मचारी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। जैन का कहना है कि अभी 500 किट तैयार की गई हैं। जो पौड़ी, श्रीनगर व अन्य क्षेत्रों में सप्लाई की गई हैं। एक किट की कीमत 150 से 350 रुपये तक है। इसके अलावा कंपनी ने वेंटीलेटर भी तैयार किया है, अस्पतालों के साथ वेंटीलेटर की टेस्टिंग चल रही है। साथ ही जर्मनी की कंपनी से वेंटीलेटर का निरीक्षण कराया जा रहा है। यह वेंटीलेटर तकनीकी तौर पर अस्पतालों में सामान्य तौर पर उपलब्ध वेंटीलेटर के मुकाबले एडवांस है।
रजत जैन ने बताया कि उनकी कम्पनी का मुख्य प्रोडक्ट “स्पंदन ईसीजी मशीन” है। यह सिर्फ 12 ग्राम की डिवाइस है, जो बिना इंटरनेट के काम करती है। इसकी कीमत 6500 रुपये है। इसे किसी भी स्मार्ट फोन के साथ कनेक्ट करके रिजल्ट प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए उस फोन में गूगल एप पर उपलब्ध स्पंदन इसीजी एप को डाउनलोड करना होगा और मशीन को उस फोन के साथ एक लीड से कनेक्ट करने के बाद ईसीजी के दौरान का सारा रिकार्ड डिजिटल फार्मेट में न सिर्फ फोन पर दिखेगा बल्कि उसे सेव करके आप अपने डॉक्टर को भेज भी सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण उन लोगों में ज्यादा तेजी से आक्रमण करता है, जो पहले से हृदय रोग से पीड़ित हैं। दुनिया में कोरोना से मरने वाले लोगों में हृदय रोगियों की मृत्यु दर अन्य रोगियों की तुलना में 20 फीसद अधिक है। इस ईसीजी मशीन को भी अपग्रेड किया गया है, जो अब हृदय रोग के साथ ही कोरोना संक्रमण के खतरों का भी विश्लेषण करती है। कोरोना लक्षण चेकर और जोखिम गंभीरता परीक्षक अब स्पंदन एप पर लाइव है। इसे गूगल प्ले स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।
कोरोना टीम के प्रोजेक्ट लीड नितिन चंदोला के अनुसार यह लक्षण चेकर विशेष रूप से इंटरनेट की सुविधा के बिना ऑफ़लाइन लक्षणों की जांच के लिए विकसित किया गया है और कोरोना के रोगियों के लिए आवश्यक क्रियाओं का सुझाव भी देता है। सॉफ्टवेयर लीड सौरभ बडोला का कहना है कि पिछले मेडिकल इतिहास के आधार पर कोरोना के रोगियों में जोखिम के स्तर की पहचान करने के लिए स्पंदन एप अत्यधिक प्रभावी है, जो रोगियों में लक्षण खोजने के लिए है। यह एप्लीकेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करता है और नवीनतम निष्कर्षों के आधार पर मरीजों को अपडेट रखता है।
सनफॉक्स प्रौद्योगिकी उत्तराखंड का होनहार स्टार्टअप है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बार सराहा और विश्व आर्थिक मंच द्वारा शीर्ष 100 वैश्विक स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी। स्पंदन ईसीजी एप्लिकेशन गूगल प्ले स्टोर पर स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है, जो कोरोना के बारे में कुछ बुनियादी सवाल पूछता है। लक्षणों, पिछली स्वास्थ्य स्थितियों और सह-रुग्ण स्थितियों के आधार पर यह एप एक जोखिम मीटर देता है, जो रोगी के जोखिम स्तर को दर्शाता है। यह उपयोगकर्ता को सुझाव भी देता है कि उच्च जोखिम के मामले में उन्हें क्या कदम उठाने चाहिए।