डॉ. समीर त्रिपाठी बने विश्व रिकॉर्ड होल्डर, रामायण का किया अर्थ सहित गायन

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प्रतिभा किसी भी उम्र की मोहताज नहीं होती। 50 की उम्र पार कर चुके डॉ. समीर त्रिपाठी ने कोरोना काल के समय का उपयोग किया। इस दौरान उन्होंने अपने पिता स्व० शिवदत्त त्रिपाठी द्वारा लिखित गीता वाणी नामक पुस्तक से प्रेरित होकर भगवतगीता व शिवस्त्रोत आदि मन्त्रों को अपनी सुरीली आवाज में पिरोया है। साथ ही सम्पूर्ण रामचरितमानस को अपनी आवाज में अर्थ सहित गा कर विश्व कीर्तिमान दर्ज किया है।

डॉ. समीर त्रिपाठी ने बताया कि इस ऐतिहासिक आध्यात्मिक उपलब्धि को इंडिया रिकार्डस व हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने अपना प्रमाण पत्र प्रदान भी कर दिया है। अन्य कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी संस्तुति मिल चुकी है । उन्होंने बताया भारतीय समाज जिस पश्चिमी सभ्यता का अन्धानुकरण करता है वही सभ्यता शांति की खोज में भारत भूमि का वरण करती है। सम्पूर्ण समाज को सही मार्गदर्शन देने वाला हमारा ग्रन्थ रामायण अभी तक अर्थ सहित स्वर लहरियों में नहीं पिरोया गया है। इसलिए मुझे यह स्व-प्रेरणा मिली कि रामायण को अर्थ सहित गाकर समाज को एक नई दिशा प्रदान की जा सकती है जिससे हमारी जो युवा पीढ़ी अपने संस्कारों व अनमोल ग्रंथों से दूर होती जा रही है उसका कुछ मार्गदर्शन किया जा सके। आध्यात्म के प्रति प्रेम उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला है। मेधज टेक्नोकांसेप्ट प्रा.लि. के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक डा. समीर त्रिपाठी व्यापार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए स्वयं का स्टूडियो बनाकर आध्यात्म व भगवत भजन की अपनी एक अलग संगीतमय दुनिया बनाई है जिसमें उनके संगीतकार सहयोगी बराबर उनका साथ देते है। इसी सहयोग के चलते आगामी 21 अप्रैल रामनवमी के पावन पर्व पर वह अपने अध्यात्म यू ट्यूब चैनल का शुभारम्भ भी करने जा रहे है। स्थनीय इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में साधु संतों की अगुआई में इस समारोह में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।

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डॉ त्रिपाठी के अनुसार उनके द्वारा अर्थ सहित संगीतमय गाये गये रामचरितमानस के विमोचन में देश के कई महान संत उपस्थित रहेंगे तथा अपना आशीर्वचन भी देंगे।

इस आयोजन में जिन संतों ने आने का आश्वासन दिया है, उनमें अयोध्या के प्रसिद्ध संत राघवाचार्य जी के साथ अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती जी, गीता गुरुकुल फाउंडेशन, मिशीगन अमेरिका के स्वामी योगी आनंद जी, मुरारी दास जी, कौशिक चैतन्य ब्रह्मचारी जी व काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व सदस्य पंडित राज कृष्ण मालवीय आदि शामिल है।

विश्वास और आस्था की डोर को और मजबूत करने तथा आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने के लिए डॉ समीर त्रिपाठी ने अपनी आवाज में अर्थ सहित श्रीरामचरितमानस को गया है। मिर्जापुर में जन्मे लखनऊ निवासी मेधज समूह के संस्थापक डॉ त्रिपाठी की आवाज में यह संगीतमय वीडियो राम नवमी के पावन दिन सबको सुनने को मिलेगा। डॉक्टर त्रिपाठी इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आपदा के अवसर को देते है।

अध्यात्म व भक्ति की शक्ति को अधिकतर लोग मानते हैं। जो नहीं मानते विपरीत व विषम परिस्थितियों में उन्हें भी ईश्वर याद आते हैं। ऐसे ही कोरोना महामारी से जब पूरा विश्व त्राहिमाम कर रहा था तब लोगों को आध्यात्मिक ईश्वरीय सत्ता पर ज्यादा भरोसा हुआ। डॉक्टर त्रिपाठी ने कोरोना काल मे अपने पिता द्वारा लिखित गीता वाणी नामक पुस्तक से प्रेरित होकर भगवत गीता व शिव स्तोत्र आदि मंत्रों को भी अपने सुरीली आवाज में पिरोया। डॉक्टर त्रिपाठी का मानना है कि व्यक्ति को मन की शांति आध्यात्म व भगवत भजन से ही मिलती है।

वह कहते हैं कि संपूर्ण समाज को मार्गदर्शन देने वाला हमारा ग्रंथ रामायण अभी तक अर्थ सहित स्वर लहरियों में नहीं पढ़ाया गया था, इसलिए उन्हें यह स्व प्रेरणा मिली की रामायण को अर्थ सहित गाकर समाज को एक नई दिशा प्रदान की जाए, जिससे हमारी युवा पीढ़ी जो अपने संस्कारों व अनमोल ग्रंथों से दूर होती जा रही है, उसका कुछ मार्गदर्शन किया जा सके। मेधज समूह के संस्थापक डॉ त्रिपाठी ज्योतिष के भी प्रकांड विद्वान हैं।

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