दुख, दरिद्रता, भय और सभी पापों का अंत करने वाले पावन मंत्र के बारे में हम आपको बताने जा रहे है, यह अत्यन्त प्रभावी माना जाता है। इस मंत्र के प्रभाव से दरिद्रता दूर होती है। भयों का नाश होता है। पापों का अंत होगा। भगवान श्री राम के चरणों में आस्था का भाव रखकर पूर्ण भक्तिभाव से पूजन करने से मनुष्य का सभी प्रकार से कल्याण होता है।
यदि संकट से घिरे हुए है। दुख व दरिद्रयता आपको घ्ोरे हुए है तो भगवान श्री राम का पूजन कर इस मंत्र का जप करें। इससे पूर्व श्री गणपति को नमन करे। फिर पूजन अर्चन आरम्भ करें। कल्याण होगा। संशय को लेकर मंत्र जप करना उचित नहीं रहता है, पूर्ण विश्वास के साथ करना चाहिए।
मंत्र है-
सहित दोष दास दुरासा। दलइ नामु जिमि रबि निसिनासा।।
भंजेउ राम आपु भव चापू। भव भय भंजन नाम प्रतापू।।
मंत्र सिद्ध की विधि-
भगवान श्री राम के चरणों प्रीति रखकर मूंगे की माला पर इस मंत्र के एक लाख पाठ 51 दिन में पूर्ण करें। इस मंत्र के प्रयोग से दुख, दरिद्रता, भय और सभी पापों का अंत होता है। पूर्ण श्रद्धाभाव से नीयत समय में इसका पाठ प्रतिदिन करें। प्रात:काल करना श्रेयस्कर होता है।