लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों को प्राथमिकता पर उपलब्ध कराया जाए। जनपद में निर्माणाधीन विकास परियोजनाओं को युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर गुणवत्ता के साथ निर्धारित समयावधि में पूरा कराये जाने पर विशेष जोर दिया जाए। कार्यदायी संस्थाएं निर्माण कार्यों के दौरान गुणवत्ता के साथ ही सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखें। इसमें किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने आज जनपद वाराणसी में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। रोप-वे परियोजना के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इस परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराया जाए। इस पर जिलाधिकारी वाराणसी द्वारा उन्हें अवगत कराया गया कि तीन स्टेशन का निर्माण कार्य दिसम्बर, 2024 तक तथा शेष स्टेशनों का कार्य मार्च, 2025 तक पूरा करा लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने विगत दिनों रामनगर स्थित शास्त्री/बलुवा घाट की घटना को गम्भीरता से लेते हुए पर्यटन विभाग, कार्यदायी संस्था, कॉन्ट्रैक्टर तथा सम्बन्धित नोडल अधिकारी के खिलाफ जाँच कराकर जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिगत शास्त्री घाट पर निर्मित सभी गुम्बदों को पुनः खोलकर उनका पुनर्निर्माण किया जाए तथा पूरे कार्य क्षेत्र की बैरिकेडिंग अवश्य करायी जाए। घाटों पर लगने वाले पत्थरों की गुणवत्ता जांच के बाद ही उसकी आपूर्ति सुनिश्चित करायी जाए।
मुख्यमंत्री जी द्वारा कार्यदायी संस्था यू0पी0पी0सी0एल0 के सभी कार्यों की जांच कराकर गुणवत्ता सुनिश्चित करने को निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन सभी कार्यों के पूरा होने पर ही सम्बन्धित विभाग द्वारा हैण्डओवर लिया जाए। इसके उपरान्त ही परियोजना को लोकार्पित कराया जाए। उन्होंने कहा कि कार्य की गुणवत्ता पर किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिये। इसको सभी विभाग सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा की आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना तभी पूरी होगी, जब ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर होगी। इसके लिए नगर निकायों, ग्राम पंचायतो की आय बढ़ाने पर कार्य किया जाए। उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायतो में कन्वेंशन सेंटर, स्ट्रीट वेंडर, ग्रामीण हाट, तालाब में मछली पालन से आमदनी आदि उपायों को अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद के लिए प्रभारी मंत्रियों की तैनाती कर दी गई है। जनपद की समस्याओं का समाधान जनपद स्तर पर ही किए जाने हेतु नवनियुक्त प्रभारी मंत्री एवं कोर ग्रुप की बैठक प्रत्येक माह आयोजित हो, ताकि जिले की समस्या का समाधान जनपद स्तर पर ही हो सके।
मुख्यमंत्री जी ने नगर निगम को स्वच्छता, सैनिटेशन, प्लास्टिक मुक्त शहर, स्ट्रीट डॉग की समस्या के समाधान, निराश्रित गोवंश को गौशाला में शिफ्ट करना, नगर निगम में नये शामिल क्षेत्रों में सभी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था तथा सिटी फॉरेस्ट की परिकल्पना पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी निराश्रित गौशालाओं की व्यवस्था बेहतर बनी रहे। देशी पद्धति पर ड्रेनेज के मॉडल विकसित किए जाएं। सभी फ्लाईओवर के नीचे सुंदरीकरण का कार्य कराया जाए। उन्होंने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित करने को निर्देशित किया। ताकि लागू होने वाली किसी व्यवस्था की जानकारी जनप्रतिनिधियों को रहे तथा उनके सुझावों को शामिल किया जाये। भवनों के बेसमेंट में पार्किंग सुनिश्चित हो, ताकि सड़क पर अनावश्यक गाड़ियां न खड़ी हों। सभी जर्जर भवन को विकास प्राधिकरण तथा नगर निगम टीम बनाकर चिन्हित करते हुए आवश्यक कार्रवाई करें, ताकि किसी भी जान-माल का नुकसान न होने पाये।
मुख्यमंत्री जी ने महिला सुरक्षा के दृष्टिगत निर्देशित करते हुए कहा कि मिशन शक्ति के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में महिला पुलिस अधिकारी महिलाओं के साथ बैठक व संवाद करें। उन्होंने महिला सुरक्षा हेतु पुलिस बीट पर महिला सिपाहियों की तैनाती करने के निर्देश दिए।
ग्राम सचिवालयां में लोगों के ज्ञानवर्धन हेतु समाचार पत्र, पत्रिकाएं, सरकार की योजनाओं एवं उपलब्धियों से सम्बन्धित साहित्य आदि रखे जाने का सुझाव दिया। ग्रामीण क्षेत्रों की तरह शहर में भी स्ट्रीट वेण्डर के लिए सड़कों की बजाय आसपास खाली स्थानों पर शेड बनाकर उनका समुचित पुनर्वास किया जाए, ताकि सड़कों पर अनावश्यक जाम न लगने पाए। नगर निगम नगरीय क्षेत्र में अलग-अलग स्थलों पर कन्वेंशन सेण्टर बनाए। इससे नगर निगम को आय के साथ ही लोगां को रोजगार भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री जी ने शहरी क्षेत्र में सुरक्षित यातायात व्यवस्था हेतु प्रत्येक टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा चालक का वेरिफिकेशन कराए जाने के साथ ही उनके आईकार्ड जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन सभी वाहनों का रूट व स्टैण्ड निर्धारित हो तथा यह वाहन निर्धारित संख्या में ही सवारी बैठाएं। उन्होंने शहर में किरायेदारों का भी सत्यापन कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभाग रूटीन कार्यों के साथ-साथ नवाचार का भी कार्य करें। अस्सी एवं वरुणा नदी, वाराणसी की प्राचीनतम पहचान है। इनके अस्तित्व को बचाना हमारी जिम्मेदारी है। वरुणा रिवर फ्रंट को मॉडल के रूप में विकसित किया जाए तथा इसमें कोई सीवर व दूषित पानी न गिरे। बाढ़ के दौरान गंगा का पलट प्रवाह वरुणा नदी में न हो, इस प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जनपद में वरुणा नदी के प्रवाह क्षेत्र में आवश्यक स्थलों पर चेक डैम बनाए जाएं। सिंचाई विभाग वरुणा नदी में हमेशा पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा नदी के दोनों तरफ सघन वृक्षारोपण आदि की ठोस कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने नदी को अतिक्रमण से बचाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक विकास कार्य की मॉनीटरिंग के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करें। हर घर नल योजना के सभी कार्यों को शत प्रतिशत पूर्ण कराए जाने के साथ ही, वहां पर वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य कराए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने शहरी क्षेत्र में सुरक्षित यातायात व्यवस्था हेतु प्रत्येक टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा चालक का वेरिफिकेशन कराए जाने के साथ ही उनके आईकार्ड जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन सभी वाहनों का रूट व स्टैण्ड निर्धारित हो तथा यह वाहन निर्धारित संख्या में ही सवारी बैठाएं। उन्होंने शहर में किरायेदारों का भी सत्यापन कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभाग रूटीन कार्यों के साथ-साथ नवाचार का भी कार्य करें। अस्सी एवं वरुणा नदी, वाराणसी की प्राचीनतम पहचान है। इनके अस्तित्व को बचाना हमारी जिम्मेदारी है। वरुणा रिवर फ्रंट को मॉडल के रूप में विकसित किया जाए तथा इसमें कोई सीवर व दूषित पानी न गिरे। बाढ़ के दौरान गंगा का पलट प्रवाह वरुणा नदी में न हो, इस प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जनपद में वरुणा नदी के प्रवाह क्षेत्र में आवश्यक स्थलों पर चेक डैम बनाए जाएं। सिंचाई विभाग वरुणा नदी में हमेशा पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा नदी के दोनों तरफ सघन वृक्षारोपण आदि की ठोस कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने नदी को अतिक्रमण से बचाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक विकास कार्य की मॉनीटरिंग के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करें। हर घर नल योजना के सभी कार्यों को शत प्रतिशत पूर्ण कराए जाने के साथ ही, वहां पर वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य कराए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने आई0जी0आर0एस0, सी0एम0 हेल्प लाइन से प्राप्त शिकायती पत्रों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण, समयबद्धता के साथ किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में शिथिलता बरतने वाले कार्मिकों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने ओवरलोड ट्रकों/वाहनों के खिलाफ जीरो प्वाइंट पर कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि टूरिस्ट पुलिसिंग को प्रभावी बनाया जाए तथा पर्यटकों के साथ पुलिस का व्यवहार अच्छा हो। सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस पेट्रोलिंग, फुट पेट्रोलिंग बढ़ायी जाए। होटलों, दुकानों, प्रतिष्ठानों आदि में लगे अग्निशमन यंत्रों को अपडेट रखें। उन्होंने नाविकों, स्ट्रीट वेण्डरां, व्यापारियों आदि समूहों के साथ नियमित बैठक व संवाद किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को जनपद में किए जा रहे नवाचारों लैब मित्रा, ऑपरेशन विद्याशक्ति, काशी वंदन, मेरा प्लास्टिक-मेरी जिम्मेदारी आदि के सम्बन्ध में अवगत कराया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को जनपद में किए जा रहे नवाचारों लैब मित्रा, ऑपरेशन विद्याशक्ति, काशी वंदन, मेरा प्लास्टिक-मेरी जिम्मेदारी आदि के सम्बन्ध में अवगत कराया गया।
इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ’दयालु’ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक के पश्चात, मुख्यमंत्री जी ने देर रात कचहरी-आशापुर संदहा मार्ग के चौड़ीकरण, सारनाथ प्रो-पुअर तथा सारंगनाथ महादेव मंदिर के पुनर्विकास परियोजना की प्रगति का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं के अभियंताओं को मानक के अनुरूप समय से कार्य पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने सारंगनाथ महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन भी किया। उन्होंने जे0पी0 मेहता इण्टर कॉलेज में बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाए गए राहत शिविर का औचक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री जी ने राहत शिविर में रह रहे लोगों की कुशलक्षेम पूछी तथा उन्हें राहत सामग्री उपलब्ध करायी और बच्चों को चॉकलेट भी वितरित कीं।
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