मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। यूपी में पिछले हफ्ते गिरफ्तार हुए जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी से पूछताछ जारी है।आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े मोहम्मद नदीम और सैफुल्ला के कबूलनामे ने यूपी एटीएस की नींद उड़ा दी है। एटीएस की टीमें हर इनपुट के पीछे भाग रही हैं और टीम के अन्य सदस्यों की तलाश तेज कर दी है। आतंकियों से पूछताछ में दोनों ने बताया कि कैसे वह लोग इस आतंक की दुनिया में आये। एटीएस उनके वक्तव्यों की सच्चाई जांचने के लिये दिन-रात एक किये है। एटीएस उन मदरसों और तंजीमों को खंगाल रही है जहां इन दोनो ने समय गुजारे हैं। जैश ए मोहम्मद संगठन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हरकत-उल-मुजाहिदीन नाम भूले तो नहीं है आप लोग हम सब वही हैं। बता दें कि सन 2000 में मसूद अजहर ने हरकत-उल-मुजाहिदीन का बंटवारा जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना करी थी। इसके बाद हरकत-उल-मुजाहिदीन के ज्यादातर सदस्य जैश में शामिल हो गए थे। ये नाम तब चर्चा में आया था, जब भारतीय विमान के यात्रियों को बचाने के लिए मसूद अजहर को छोड़ दिया गया था।
आतंकी सैफुल्लाह ने आगे बताया की जब हमें (सैफुल्लाह और नदीम) कोई जरूरी बात करनी होती है, तो हम एक वाट्सअप मैसेज जैश-ए-मोहम्मद के झंडे की तस्वीर भेज देते है। तब उधर से हमसे संपर्क हो जाता है। जैश के संपर्क में कैसे आने के सवाल पर नदीम ने कहा कि काफिरों को खत्म करने के लिए ही अल्लाह ने हमको ये रास्ता दिखाया है। सैफउल्ला ने कहा की पहले वो खुद्दाम उल-इस्लाम से अल-रहमत ट्रस्ट के माध्यम से जुड़े फिर उससे जैश-ए-मोहम्मद में जुड़ गया। आतंकी नदीम ने बताया की अभी हमारी ट्रेनिंग बाकी थी, उसके बाद हम जैश ए मोहम्मद के लिए काम करते। अभी तो केवल हम मदरसों के लड़कों से मिलकर उनको काफिरो के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार कर रहे थे।
सैफुल्ला ने बताया की हम जिहादी सेना तैयार कर रहे थे। पाकिस्तान जाने वाले थे लेकिन उससे पहले ही हम पकड़े गए। उन्होंने आगे बताया कि जांच एजेंसियों के रडार पर न आने के लिए हम लोग कॉल करने के लिए वर्चुअल नंबर का प्रयोग करते थे। हम लोग को निर्देश थे कि जब भी मेसेज करो वॉइस मैसेज भेजो। इसके अलावा, हम लोग जब बम बनाने का तरीका सीख रहे थे, तब हमको निर्देश मिले थे कि टाइम बम को पटाखा, सुतली से बनाए जाने वाले देसी बम को रस्सी बोलना है।
12 अगस्त को यूपी एटीएस ने सहारनपुर से आतंकी नदीम को गिरफ्तार किया था। इससे मिले इनपुट के आधार पर फतेहपुर निवासी हबीब उल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला को 14 अगस्त को गिरफ्तार किया था। फिलहाल दोनों आतंकी 12 दिनों तक एटीएस की रिमांड में रहेंगे।