गठिया व जोड़ों के दर्द को दूर करती है तुलसी

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गठिया व जोड़ों का दर्द आजकल एक आम समस्या बन गया है। इसे लेकर जो उपचार हैं, बहुत ही मंहगे है, विशेष तौर पर उम्र दराज होने पर इस समस्या का सामना अधिकांश को करना ही पड़ता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बीमारी के निदान के लिए तुलसी कारगर सिद्ध हो सकती है।

तुलसी में वात विकार को मिटाने का गुण पाया जाता है, इसलिए अगर वात की प्रबलता से नाड़ियों में दर्द हो तो उसमें तुलसी के काढ़े का प्रयोग बहुत ही प्रभावशाली माना गया है। अगर जोड़ों में दर्द होता हो तो तुलसी के पत्रों का रस पीते रहने से लाभ होता है। मोच और चोट पर भी तुलसी के स्वरस क मालिश करने से आराम पहुंचता है।

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तुलसी की जड़, पत्ते, डंठल, मंजरी और बीज इन पांचों को समान भाग में लेकर कूट व छानकर छह माशा की मात्रा में उतने ही पुराने गड़ के साथ मिला लें। इसको प्रात: व शाम के समय बकरी के दूध के साथ सेवन करने से गठिया का रोग दूर हो जाता है। उपरोक्त उपचार सम्बन्धित प्रयोग में श्यामा तुलसी का प्रयोग प्रभावी माना जाता है। वन तुलसी के पंचांग को पानी में उसका भफज्ञरा लेने से लकवा व गठिया में लाभ होता हे। यह प्रयोग लकवा के लिए बहुत ही अच्छा माना गया है।

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