कर्क राशि ( CANCER ) की सामान्य विशेषताएं, स्वभाव व परिचय

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कर्क कालचक्र की चौथी राशि है । यह राशि जल तत्व , सतोगुण , घर स्वभाव और चन्द्र ग्रह से प्रभावित होती है। आपकी राशि का प्रतीक चिह केकड़ा मनोभाव के विस्तार का परिचायक है। कर्क राशि का स्वामी चन्द्रमा है । जल तत्त्व प्रधान और चर राशि होने से जातक सुन्दर और आकर्षक मुखाकृति , गोल चेहरा और मध्यम कद वाला होगा । चन्द्र – मंगल शुभ हों तो जातक बुद्धिमान , संवेदनशील , भावुक हृदय , न्यायप्रिय व दयालु स्वभाव वाला होगा। सामान्यतः परिवर्तनशील स्वभाव , चंचल , जलीय वस्तुओं का प्रिय , उच्च कल्पनाशील , समयानुकूल काम निकालने में कुशल , मिलनसार प्रकृति होगी। यदि चन्द्रमा अशुभ हो तो चिड़चिड़ा स्वभाव, वातावरण से शीघ्र प्रभावित होने वाला होगा। प्राकृतिक सौंदर्य , कला – संगीत व साहित्य में विशेष रुचि रखे और सौन्दर्यानुभूति भी विशेष रूप से रहे। ऐसा जातक परिस्थितिनुसार ढल जाने वाला , प्यार सम्बन्धों में सच्चा , ईमानदार और सहदय , दयालु प्रकृति का होगा। ऐसा जातक जिस किसी काम को करना चाहे कर ही लेता है। आय के साधन एक से अधिक होते हैं ।

कल्पना ( विचार ) शक्ति प्रबल होती है , अन्य पुरुष के भावों को शीघ्र समझ लेने की विशेष क्षमता होती है । कर्क राशि वालों का मकर , वृश्चिक , मीन राशि : वालों के साथ मित्रता शुभ रहती है । कर्क जातक अत्यन्त संवेदनशील होते हैं। दूसरों की कही जरा सी बात को उन पर इतनी प्रतिक्रिया होती है कि वे घण्टों उसी के बारे में सोचते रहते हैं। इनकी स्मरण शक्ति भी बहुत तेज होती है। कर्क जातकों को अपने परिवार में विशेषकर पत्नी और पुत्र के प्रति विशेष मोह होता है । वे मैत्री को भी जीवनभर निभाना जानते हैं । कर्क राशि के लोग व्यक्ति , वस्तु तथा परिस्थितियों में जकड़ जाते हैं।

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कर्क राशि के जातक एकतरफा प्रेम करते हैं। इस राशि के जातक अपने कर्तव्य का ध्यान रखते हैं, लेकिन दूसरे पक्ष से सहयोग की बिल्कुल आशा नहीं रखते है। आपके लिए सेक्स कोई विशिष्ट वस्तु न होकर घर-गृहस्थि से सम्बन्धित एक पहलू है। इस राशि के जातक घरेलू चिंताओं के कारण सेक्स सम्बन्धों को नष्ट कर बैठते हैं। प्रेम के मामले में आपको कोई भी बंधन स्वीकार नहीं होता है। भोजन ओर सेक्स को एक स्तर का मानते हैं, प्रेम के मामले में अत्यधिक भावुक होते है, इसलिए प्रेम के क्ष्ोत्र में मनोबल की अल्पता के कारण हार जाते हैं। देखने में स्वस्थ्य बेशक दिख्ों, लेकिन भीतर से स्वास्थ्य की दृष्टि से दुर्बल होते हैं। उदर विकार, पाचन क्रिया में गड़बड़ी, मानसिक दुर्बलता और जलोदर रोग से परेशानी होती है। मानसिक अस्थिरता रहती है। प्रसन्नता और संतुलित आहार से आप स्वस्थ रह सकते हैं। अगर कर्क राशि के जातक जीवन में सफल होना चाहते हैं तो उन्हें भावुकता से बचना चाहिए। दूसरों की नकल करना, आलोचना करना, हंसी उड़ाना, दिखावा करना और व्यर्थ में समय बर्बाद करना आपके लिए हितकर नहीं है। सफलता प्राप्त करने के लिए आप व्यवहार कुशल बनें और भावुकता से स्वयं को बचा कर रखें।

कर्क राशि के पुरुष हैं

  • कर्क राशि के जातक की उत्तेजना प्रतिहिंसक नहीं होती है, बल्कि एक भावनात्मक ज्वार पाया जाता है।
  • आप उसमें वाचार , मितव्ययी , देशप्रेमी और मातृ – भक्त होते हैं।
  • आपका शंकालु स्वभाव अनायास चिड़चिड़ा बना देता है और इसमें अपना ही अहित करते हैं।
  • आपको कठिन परिस्थिति में स्त्री से सहायता मिलती है। आपमें सार्वजनिक त्याग , सेवा और मानवता है।
  • आप सच्चे मित्र हैं और सुख – दुःख में साथ देते हैं।
  • कर्क राशि के जातक अत्यधिक भावुक , संवेदनशील एवं परिवर्तनशील विचारों वाले हैं ।
  • आप शारीरिक श्रम की अपेक्षा मानसिक श्रम को अधिक महत्त्व देते हैं ।
  • कठिन परिस्थिति में अकसर घबरा जाते हैं।
  • आप लम्बी योजनाएं बनाकर उन्हें क्रियान्वित नहीं कर पाते।
  • आप निर्देशन देने में चतुर हैं, हालांकि स्वयं करना पड़े तो टाल जाते हैं।
  • आप पल तक भर में क्रोधित हो उठते हैं और जल्दी पिघल भी जाते हैं।

कर्क राशि की स्त्रियां

  • आप भावुक, संवेदनशील , चतुर , विचारवान् और आत्म- प्रशंसक होती हैं। कलात्मक और सौन्दर्ययुक्त वस्तुएं बनाने में निपुण होती है।
  • जिद , क्रोध और हठ के कारण अपमान और हानि उठाती हैं।
  • आपको छोटी – सी बात भी चुभती है और मन में तब तक उसको लेकर दुःखी रहती हैं जब तक बदला नहीं ले लेती हैं।
  • आप पर क्रोध जितनी तीव्रता से आता है, उतनी तीव्रता से उतर भी जाता है ।

उपाय – सोमवार का व्रत रखना तथा चाँदी की अंगूठी धारण करना इनके लिए शुभ रहेगा।

शुभ नग – इस राशि वालों को ‘ मोती ‘ अनामिका या कनिष्ठका अंगुली में चाँदी की अंगूठी में पूर्णिमा के दिन गंगाजल , कच्चा दूध व ताण्डुलादि में dip करके मन्त्र पढ़कर विधिपूर्वक धारण करें । ( ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः ) मंत्र के 11००० जप करने चाहिए। इससे मनोकांक्षा की पूर्ति होती हैं।

शुभ वार – सोमवार का दिन शुभ है । शुभ रंग – सफेद रंग इन्हें अपने कपड़ों में अवश्य धारण करना चाहिए ।

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