मकर राशि ( Capricorn ) की सामान्य विशेषताएं, स्वभाव व परिचय

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मकर राशि, क्या कहते हैं आपके सितारे

आपकी राशि मकर कालचक्र की दसवीं राशि है। यह राशि पृथ्वी तत्त्व, तमोगुण,चर स्वभाव एवं शनि ग्रह से प्रभावित होती है। आपकी राशि का प्रतीक चिह्न आधा भाग मृग और शेष भाग मछली का आकार है जोकि श्रम का परिचायक है।

आपका स्वभाव एवं व्यक्तित्त्व
अगर आप पुरुष हैं तो…..

आप गम्भीर, उदासीन, परिश्रमी एवं योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने वाले होते हैं। आप धैर्यवान्, विचारवान् एवं महत्त्वाकांक्षी होते हैं। आपकी सफलता का मूल मन्त्र आपकी रचनात्मकता एवं दूरदर्शिता है। प्रायः आप व्यसनों एवं अपव्यय के कारण आर्थिक संकट से जूझते हैं। आप स्वार्थी स्वभाव एवं लापरवाही के कारण असफलता एवं अपकीर्ति के शिकार होते हैं। आप अपने सिद्धान्तों एवं बातों को सर्वोपरि मानते हैं, इसीलिए किसी के विश्वासी एवं आत्मीय नहीं बन पाते हैं। प्रायः आप गृहस्थ जीवन से असन्तुष्ट रहते हैं। आपके जीवन में अनेक बार उत्थान-पतन आते हैं। जिम्मेदारी बढ़ने पर खीजते हैं और कतराने की कोशिश करते हैं। मनन करते हैं और रहस्यवादी हैं। लोभ में आकर गलत काम करते हैं। दूसरों की निन्दा
एवं आलोचना करते हैं जिसके कारण मित्रों, बिरादरी या समाज द्वारा बहिष्कृत किए जाते हैं।

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अगर आप स्त्री हैं तो…….

आप में ईर्ष्या एवं प्रति- स्पर्धा की भावना सर्वोपरि होती है। आप स्वच्छन्द प्रकृति की होती हैं। आपको स्वयं पर अंकुश सहन नहीं होता है। आप दूरदर्शी, विचारशील एवं महत्त्वाकांक्षी स्त्री हैं। प्रत्येक क्षेत्र में आगे रहना चाहती हैं। आप दूसरों का उपहास उड़ाती हैं और इस कोशिश में स्वयं उपहास का पात्र बन जाती हैं। विपरीत लिंग को अपनी बातों से मूर्ख बनाने में चतुर होती हैं।

आपको आन्तरिक परिवेश की अपेक्षा बाह्यवा तावरण अधिक प्रिय होता है। गृहस्थ जीवन में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। आप अपनी योजना के अनुसार जीवन जीना चाहती हैं। निज परिश्रम के बलप र आत्मनिर्भर रहने की कोशिश में लगी रहती हैं। वफादार, जल्दबाज, अतिभा वुक एवं कल्पनाप्रिय होती हैं। दूसरों का उपकार निडर होकर करती हैं। विरोधी के प्रति क्रूरता पूर्ण व्यवहार रखती हैं, लेकिन फिर भी जोखिम से बचकर रहती हैं। दूसरों की निन्दा और ईर्ष्या के करने के कारण उनकी घृणा का पात्र बनती हैं। जीवन में अनेक बार उतार-चढ़ाव आते हैं।

आपके प्रेम एवं सैक्स सम्बन्ध कैसे होंगे?
आप में प्रेम की भावना प्रबल होती है। आप प्रेम के मामले में अधिक से अधिक सावधानी बरतते हैं। ध्यान को प्रेम से बड़ा नहीं मानते हैं। आपका प्रेम निर्मल तथा उच्च भावनाओं से प्रेरित होता है। प्रेम के अभाव में आप कामुक बन जाते हैं। कर्क, वृश्चिक एवं मीन राशि वालों के साथ श्रेष्ठ प्रेम संबंध बन पड़ता है। आपकी मेष, सिंह एवं धनु राशि वालों के साथ अच्छी निभती है। वृष एवं कन्या राशि वालों से सामान्य संबंध रहता है। मिथुन, तुला एवं कुम्भ राशि वालों
से कभी नहीं निभती है, सदैव विरोध बना रहता है।

आपकी व्यवसाय एवं कार्य रुचियां कैसी होंगी?
आप सिद्धान्तवादी, रहस्यमयी, आलोचक एवं तर्क देने में माहिर होते हैं। फलतः आप वैज्ञानिक, शोध संस्थान, पुरातत्त्व विभाग, गुप्तचर सेवा, राजनीति, मन्त्री, पुजारी, पादरी, ओझा, तान्त्रिक, इन्जीनियर, लौहार, जासूस, लघु उद्योग, स्पेयर पार्टस, सौफ्ट ड्रिंक, डिस्टलरी, दार्शनिक, बीमा, प्रिंटिंग, धातु व्यवसाय, पैट्रोल, तेल, दलाली, भूमि
क्रय-विक्रय, रत्न व्यवसाय, बागवानी, जंगलात विभाग, पुलिस, मुर्गी पालन, सिगरेट, कोयला, खिलाड़ी, कम्पोजिटर, फैक्ट्री, सट्टा, ठेकेदारी, मशीनरी आदि कार्यों में से कोई भी चयन करके करें, धन और सफलता आपकी होगी।

आपका स्वास्थ्य कैसा रहेगा?
आपका शरीर दुर्बल तथा अशक्त होता है। प्रायः शीत एवं वायु की अधिकता के कारण शीत रोग, निमोनिया, ज्वर, सन्निपात, घुटनों में दर्द, त्वचा रोग आदि से ग्रस्त होकर कष्ट उठाते हैं। अत्यधिक आराम के कारण शरीर में शिथिलता एवं अस्वस्थता रहती है। आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
शीत एवं वायु उत्पन्न करने वाली वस्तुओं के सेवन से बचना चाहिए। आलस्य को त्यागें तथा शारीरिक शिथिलता दूर करने एवं पुष्टता के लिए व्यायाम करें।
आहार में अनियमितता न बरतें। सदैव सन्तुलित आहार ही लें। आपको विटामिन ‘बी’, ‘सी’ एवं लौह तत्त्वों से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। भोजन समय पर एवं सन्तुलित करना चाहिए। गरिष्ठ भोजन से बचे एवं हरी शाक सब्जियों और  रसीले फलों का सेवन करना चाहिए। शराब एवं नशीली वस्तुओं के सेवन से स्वयं को बचाकर रखें।

सफलता के लिए अवश्य ध्यान दें।
आपकी राशि का स्वामी शनि है जोकि वायु तत्त्व प्रधान ग्रह है। आपको आलस्य, लालच, स्वार्थ, अत्यधिक वाचालता, आलोचना एवं अपव्यय से बचना चाहिए। न क्रोध करें और न कभी जल्दबाजी करें। लापरवाही तो सदैव हानिकारक है। आप व्यसनशीलता, फिजूलखर्चीों एवं लापरवाही के कारण अधिकतर जीवन में ऋण एवं आर्थिक संघर्ष की स्थिति का सामना करते हैं। आपको व्यसनों एकावास एवं चिड़चिड़े स्वभाव से बचना चाहिए। आपका कर्क, वृश्चिक एवं  मीनराशि वालों के साथ श्रेष्ठ संबंध बन पड़ता है। आपको मेष, सिंह एवं धनु राशि बालों से भी अनुकूलता रहती है। वृष एवं कन्या राशि से सामान्य संबंध रहते हैं। मिथुन, तुला एवं कुम्भ राशि वालों से कभी नहीं निभती है, इसलिए इनसे सावधानी व सतर्कता पूर्ण व्यवहार करें।

 

आपके लिए बुधवार, शुक्रवार एवं शनिवार शुभ दिन है। काला, पीला, सफेद, हरा, आसमानी, हल्का नीला रंग शुभ हैं। आपको काला, सफेद, हरित पीत रंग को किसी न किसी रूप में अवश्य चुनना चाहिए।

सवा पांच रत्ती का नीलम या सवा सात रत्ती की नीली सोने व चांदी की अंगूठी में जड़वा कर मध्यमिका अंगुली में शुक्लपक्ष के शनिवार में सूर्योदय से प्रथम घंटे के भीतर शनि मन्त्र से अभिमन्त्रित करके धारण करना शुभफलप्रद है।

शनिवार का व्रत सदैव लाभप्रद है। शनिवार को सरसों के तेल में छाया देखकर एक सिक्के सहित दान करना उत्तम फलप्रद है। काला रूमाल सदैव पाकिट में रखें।

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः…… मन्त्र का 23,000 जाप करना मनोकांक्षा पूर्ति में सहायक है।

आपके लिए 8, 4, 5, 6 अंक शुभ, 3, 7 अंक सामान्य एवं 2 व 9 अंक अशुभ फलदायी हैं। यदि आप इन अंकों की शुभाशुभता को ध्यान में रखकर कार्य
करेंगे तो लाभ होगा। यदि आप अपने जीवन में गुणों की वृद्धि और अवगुणों में कमी लाएंगे तो सफलता और मान-सम्मान, अवश्य मिलेगा। आप आलस्य, लालच, स्वार्थ एवं वाचालता के साथ-साथ आलोचना से बचेंगे तो जीवन में सफलता एवं सुख प्राप्ति कर सकेंगे।

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