तुला राशि ( LIBRA ) की सामान्य विशेषताएं, स्वभाव व परिचय

10
3858

तुला कालचक्र की सातवीं राशि है। यह राशि वायु तत्व, रजोगुण, चर स्वभाव और शुक्र ग्रह से प्रभावित होती है। राशि का प्रतीक चिह्न तराजू सन्तुलन का परिचायक है। तुला राशि के जातक का श्वेत व सुन्दर वर्ण, मध्यम अथवा लम्बा कद, सौम्य एवं हंसमुख प्रकृति होगी। जातक/ जातिका न्यायप्रिय , हंसमुख , व्यवहारशील और नीति के अनुसार कार्य करने में कुशल होगा। ईमानदार, मिलनसार, नए – नए मित्र बनाने में कुशल होगा। सौंदर्यानुभूति विशेष होगी। संगीत , कला , नाट्य की ओर विशेष झुकाव होगा । रहन – सहन का ढंग रईसी एवं प्रभावपूर्ण होगा। जातक पर संगीत का प्रभाव जल्दी होगा। चन्द्र – शुक्र शुभ हो तो मानसिक और कल्पनाशक्ति प्रबल होगी, लेकिन मन की केन्द्रीय शक्ति बहुत देर तक नहीं रहती। जब तक किसी कार्य में लगा रहे, तब तक दिलोजान और मजबूत दिल से करे , लेकिन अपने विचार व योजना में परिवर्तन करने में भी शीघ्र तैयार हो जाएगा। जातक को देश – विदेश अनेक स्थानों पर भ्रमण करने के अवसर प्राप्त होते हैं।

बुद्धिमान, तर्कशील, सावधान और सतर्क रहने वाला, मध्यस्थता एवं निर्णय करने में कुशल, विपरीत योनि के प्रति झुकाव रखे। इस राशि के जातक न्याय को बड़ा महत्व देते हैं। धार्मिक परम्पराओं और समाज के रीति – रिवाजों का उल्लंघन नहीं करते हैं । इनका शरीर निर्माण बड़ा संतुलित होता है। तुला राशि वालों का दृष्टिकोण अति विशाल होता है। भौतिक मामलों में तुला राशि वाले जातक प्रायः सफल रहते हैं। अपने परिश्रम और सुनियोजन से सम्पत्ति अर्जित कर सकते हैं । ये चतुर व्यापारी बनकर धन और यश कमा सकते हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि वे जो भी व्यवसाय या वृत्ति चुनेंगे , उनमें पूरा सामंजस्य रखते हैं। सुन्दर , आकर्षक वस्तुओं को खरीदते समय वे खर्च की परवाह नहीं करते।आप प्रेम को गम्भीरता से लेते हैं। आप दयालु और व्यवस्थित लोगों की ओर आकर्षित होते हैं वैसे तो आप प्रेम के लिए प्रेम करते हैं, पर कभी – कभी प्रेम में आदर्श ढूंढने लगते हैं। आप प्रेमाभाव में जीवन को नीरस समझते हैं। आप ऐसे प्रेम पात्र की ओर आकर्षित होते हैं जोकि आपको और आपकी जरूरतों को समझ सके । आपका मेष , सिंह एवं धनु राशि वालों से उत्कृष्ट और प्रगाढ़ प्रेम का संबंध बन पड़ता है। कर्क , वृश्चिक एवं मीन राशि वालों से भी अच्छी निभती है । कुम्भ और मिथुन राशि वालों से सामान्य संबंध रहते हैं। आपकी वृष , कन्या और मकर राशि वालों से कतई नहीं पटती और सदैव विरोध रहता है। आप सौन्दर्य को विशेष महत्त्व देते हैं और कार्य में कलात्मकता पसन्द करते हैं । आप शराब , रेस्टोरेण्ट , होटल , संगीत , तेल व्यवसाय , नृत्य , गायन , कलाकार , अभिनेता , शृंगार व सजावट की वस्तुएं , आभूषण , कलात्मक व शिल्पकारी से संबंधित वस्तुएं , इत्र , ललित कला , चित्रकारी , कशीदाकारी , रेडीमेड वस्त्र , बागवानी , मॉडलिंग , टेलरिंग , फिल्म , फैशन डिजाईनर , विज्ञापन एजेन्सी , इत्र , ललित कला , वकील , पेट्रलियम पदार्थ , सर्जन , खेल की वस्तुएं , भवन निर्माण , खिलौने , नक्काशी , पेन्टर , प्लास्टिक उद्योग , बेकरी , फोटोग्राफी , डान्सर , मदिरालय , उद्घोषक , यातायात , ऑटोमोबाइल आदि में सफल रहते हैं।

Advertisment

तुला राशि के पुरुष 

  • आप मिलनसार, धैर्यवान् एवं न्यायप्रिय होते हैं।
  • आप जीवन को व्यर्थ नहीं गवाते हैं।
  • शान्तिप्रिय और नैतिकतावादी होने के कारण सामाजिक कार्यों को करने में रुचि रखते हैं।
  • आपके मन की थाह पाना आसान नहीं है।
  • आप से सूझबूझ और सर्वोत्तम निर्णय शक्ति के बल पर तक सफलता प्राप्त करते हैं।
  • आप सदाचारी , दयालु और सन्तुलित मानव – प्रेम के पुजारी हैं।
  • आपका गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है ।
  • प्रायः अच्छे मित्र और सर्वोत्तम पति साबित होते हैं।
  • आप में दूर की सोचने की क्षमता विद्यमान है।
  • स्त्री वर्ग , कला , नृत्य व संगीत प्रेमी , बच्चों को विशेष प्रिय, प्रतिष्ठित एवं लोकप्रिय व्यक्ति होते हैं।
  • आपमें प्रत्येक कार्य को शुरू करने में हिचकिचाहट होती है।
  • विपरीत सैक्स के मोह में पड़कर व्यथित रहते हैं।
  • आप सहयोगियों की राय पर अधिक भरोसा करते हैं। सरकारी नौकरी या सम्पर्क से राज्य में उत्तरोत्तर उन्नति या लाभ पाते हैं।
  • कभी – कभी स्वार्थ की पूर्ति के लिए छल , कपट एवं धोखे तक की सोच बैठते हैं।
  • हठधर्मिता एवं जिद हानि का कारण बनती है।
  • निर्णय लेने में असमर्थ रहते हैं और दूसरों के सहयोग के बिना कार्य नहीं करते हैं।
  • ललित कलाओं में विशेष अभिरुचि होती है।
  •  मनोरंजन के शौकीन और खूबसूरत होते हैं।
  • विपरीत योनि के प्रति महज आकर्षण रखते हैं। रतिप्रिय और आत्मरति के कारण यौन रोगों से भी ग्रस्त होते हैं।
  • आप क्रोधावेश में अपनी और घर की हानि कर बैठते हैं।

तुला राशि की स्त्री 

  • आपको जीवन में कई उतार – चढ़ाव देखने पड़ते हैं।
  • आपकी सामाजिक कार्यों में विशेष रुचि रहती है।
  • दिवा स्वप्न और कल्पना की नित्य ऊंची उड़ानें भरती हैं।
  • सन्तुलित जीवन , सौन्दर्य एवं स्वच्छता से लगाव रखती हैं।
  • संगीत एवं ललित कलाओं में विशेष रुचि रखती हैं।
  • आप कुशल गृहणी , सुन्दर और अच्छे स्वभाव के कारण सबका मन मोह लेती हैं।
  • आप शान्ति एवं न्यायप्रिया और सरल स्वभाव की होती हैं।
  • आपको धोखा देना आसान नहीं है।
  • प्रबन्ध संबंधी कार्यों में सफल रहती हैं।
  • आपकी कथनी – करनी में अन्तर नहीं होता है।
  • आप पराक्रमी होते हुए भी सुख के प्रति उदासीन रहती हैं।
  • आपका न कोई शत्रु होता है न कोई मित्र, सबको एक दृष्टि अर्थात् समान भाव से देखती हैं।
  • दुष्ट और कपटी लोगों से संबंध नहीं रखना चाहती हैं, उनमें किनारा कर लेती हैं।
  • संकोचवश अभावों से न कोई शिकायत रखती हैं और किसी से उनका जिक्र करती हैं ।

उपाय – शुक्रवार का व्रत रखना तथा जन्मदिन पर सफेद वस्तुओं का दान शुभ रहता है।

शुभ नग – तुला राशि वालों को एक रत्ति या इससे अधिक वजन का हीरा या मोती प्लाटिनम या तीन धातु की अंगूठी में जड़वाकर शुक्र के बीज मन्त्र ” ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः “ का 16 हजार की संख्या में जप करके मध्यमा अंगुली में शुभ मुहूर्त में धारण करना चाहिए।

शुभ वार – शनिवार , बुधवार , शुक्रवार शुभ दिन होंगे ।

शुभ रंग – इस राशि का शुभ रंग सफेद और हल्का नीला होगा ।

https://www.sanatanjan.com/%e0%a4%95%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b6%e0%a4%bf-virgo-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%af-%e0%a4%b5%e0%a4%bf/

 

धनु राशि ( Sagittarius ) की सामान्य विशेषताएं, स्वभाव व परिचय

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here