अगर कोई व्यक्ति कहीं किसी विशेष कार्य से जा रहा है और उसे यात्रा के आरम्भ में अगर कोई घोड़ा बायीं ओर हिनहिनाते और दायें पांव से भूमि खोदता दिखाई देता है तो यह बहुत ही शुभकारी संकेत होता है। यह संकेत इस बात का होता है कि व्यक्ति उच्च पद प्राप्त करने वाला है।
अगर बायीं ओर को हिनहिनाता हुआ घोड़ा अपने दायें अंग को खुजलाता दिखाई दे तो यह शकुन भी शुभ माना जाता है। यह सम्मान की प्राप्ति की सूचक है। अगर काले रंग का घोड़ा बायीं ओर रहे तो इसे अशुभ लक्षण नहीं माना जा सकता है, लेकिन काले रंग का घोड़ा सामने या दायीं ओर रहे तो इसे अशुभ ही समझा जाना चाहिए। अगर लाल रंग का घोड़ा सामने से आता दिखाई देता है तो यह राजसी सुख की प्राप्ति का संकेत होता है।
अगर पीले रंग का घोड़ा सामाने से आए या दायीं ओर से आए तो सात्विक व राजसी सुख की प्राप्ति कराने वाला है। अगर श्वेत रंग का घोड़ा सामने से आता हुआ दिखाई दे तो यह सत्विक सुख की प्राप्ति कराने वाला है। ऐसा व्यक्ति ईश्वर की भक्ति में सुख की प्राप्ति करने का प्रयास करता है, लेकिन काले रंग का घोड़ा तामसी गुण वाला होता है, इसलिए इसका फल भी वैसा ही समझना चाहिए।
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अगर किसी व्यक्ति को किसी कार्य से जाते हुए श्वेत रंग का घोड़ा अपने मालिक समेत आता हुआ दिखाई दे तो इसे शुभ लक्षण समझना चाहिए। यह अच्छा संकेत माना जाता है। अगर लाल या अन्य वर्ण का घोड़ा अपने जीन से सुसज्जित आता हुआ नजर आए तो यह भी शुभ संकेत है। यह बताता है कि जिस कार्य से आप जा रहे है, उसमें सफलता मिल सकती है, लेकिन अगर काले रंग का घोड़ा इसी अवस्था में दिखाई दे तो इसे शुभ संकेत नहीं मानना चाहिए।
अगर यात्रा आरम्भ करने में कोई घोड़ा अपने बायें पांव को पेट पर लगाए हुए दिखाई दे तो इसे अशुभ जानना चाहिए। यह इच्छा के अनुरुप फल प्राप्ति में बाधा का संकेत है, लेकिन अगर कोई घोड़ा अपने दायें पांव पेट में लगाए हुए दिखाई दे तो इसे अत्यन्त शुभ संकेत माना जाता है। यह व्यक्ति के कार्य सिद्ध होने का संकेत है।