ग्रह गोचर का अर्थ है ग्रहों की विभिन्न राशियों में परिक्रमा और उनका राशियों पर प्रभाव। प्रत्येक ग्रह की अपनी गति और समयावधि होती है जिसमें वे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ग्रहों के इस परिवर्तन को गोचर कहा जाता है, और इसका विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। यहाँ संक्षेप में प्रत्येक ग्रह के गोचर का प्रभाव दिया गया है:
1. **सूर्य:** आत्मा, नेतृत्व, और जीवन शक्ति का प्रतीक। इसका गोचर एक राशि में लगभग एक महीने का होता है और यह आपके व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, और करियर पर प्रभाव डालता है।
2. **चंद्रमा:** मन, भावनाएं, और मानसिक शांति का प्रतीक। इसका गोचर सबसे तेज होता है, लगभग 2.25 दिन में राशि बदलता है, और यह आपकी मानसिक स्थिति और दैनिक गतिविधियों पर प्रभाव डालता है।
3. **मंगल:** ऊर्जा, साहस, और संघर्ष का प्रतीक। इसका गोचर एक राशि में लगभग 45 दिनों का होता है और यह आपके साहस, ऊर्जा स्तर, और विवादों पर प्रभाव डालता है।
4. **बुध:** बुद्धि, संचार, और व्यापार का प्रतीक। इसका गोचर एक राशि में लगभग 14-30 दिन का होता है और यह आपके संचार कौशल, तर्कशक्ति, और व्यापार पर प्रभाव डालता है।
5. **बृहस्पति (गुरु):** ज्ञान, धन, और विस्तार का प्रतीक। इसका गोचर एक राशि में लगभग 13 महीने का होता है और यह आपके ज्ञान, धन, और विकास पर प्रभाव डालता है।
6. **शुक्र:** प्रेम, सौंदर्य, और सुख का प्रतीक। इसका गोचर एक राशि में लगभग 25-30 दिनों का होता है और यह आपके प्रेम संबंधों, सौंदर्य, और भौतिक सुख-सुविधाओं पर प्रभाव डालता है।
7. **शनि:** कर्म, अनुशासन, और बाधाओं का प्रतीक। इसका गोचर सबसे धीमा होता है, एक राशि में लगभग 2.5 वर्षों का होता है और यह आपके कर्म, बाधाओं, और अनुशासन पर प्रभाव डालता है।
8. **राहु और केतु:** छाया ग्रह, जो कर्मफल और अप्रत्याशित घटनाओं का प्रतीक हैं। इनका गोचर एक राशि में लगभग 18 महीने का होता है और यह आपके जीवन में अप्रत्याशित घटनाओं और कर्मफल पर प्रभाव डालता है।
ग्रह गोचर के प्रभाव को समझने के लिए कुंडली का विश्लेषण करना आवश्यक होता है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति अलग होती है। ग्रहों का यह गोचर विभिन्न राशियों के लिए अलग-अलग परिणाम देता है और इसी आधार पर भविष्यवाणियां की जाती हैं।