श्री राम भक्त हनुमान की महिमा का बखान जितना की जाए,वह कम ही होगी। भगवान श्री शंकर के अंशावतार श्री हनुमान की जय हो, उनके 1०8 पावन नामों का उल्लेख करने जा रहे है, जो जीव का कल्याण करते है। जो मनुष्य श्री राम भक्त हनुमान जी के नामों का जप करता है, उसे सदगति प्राप्त होती है। संकटों से मुक्ति मिलती है और आनंद की प्राप्ति होती है।
आंजनेय, महावीर, हनुमत, मारुतात्मज, तत्वज्ञानप्रदाता, सीता मुद्राप्रदाता, अशोकवह्न्किक्ष्ोत्रे, सर्वमायाविभंजन, सर्वबंधनविमोत्र, रक्षाविध्वंसकारी, परविद्यापरिहारी, परमशौर्यविनाशक, परमंत्र निराकर्त्रे, परयंत्र प्रभ्ोदकाय, सर्वग्रह निवासिने, भीमसेन सहायकृते, सर्वदु:खहराय, सर्वलोकचारिण्ो, मनोजवय, पारिजातमूलस्थाय, सर्वमंत्ररूपवते, सर्वतंत्ररूपिण्ो, सर्वयन्त्रात्मकाय, कपिश्वराय, महाकायाय, सर्वरोगहराय, प्रभवे, सर्वविद्यासम्पत, कपिसेनानायक, भविष्यचतुरानन, कुमार ब्रह्माचारिण्ो, रत्नकुंडल पाहक, चंचलद्बाल, गंधर्वविद्यातत्वज्ञ, महाबल पराक्रमी, करागृहविमोक्ती, सर्वबंधमोचकाय, सागरोत्तारकाय, प्रज्ञाय, रामदूताय, प्रतापवते, वानराय, केसरी सुता, शोक निवारणाय, अंजनागर्भसंभूताय, बालर्कसदृशनाय, विभीषणाप्रियाय, दशग्रीवकुलान्तक, लक्ष्मण प्राणदाता, वज्रकायाय, महाद्युतये, चिरंजीवने, रामभक्ताय, दैत्यविघातक, अक्षहन्त्रे, कालनाभाय, कांचनाभाय, पंचवक्त्राय, महातपसी, लंकिनीभंजन, श्रीमते, सिंहिकाप्राणहर्ता, लोकपूज्याय, लंकापुरीविदाहक, सुग्रीव सचिवाय, धीराय, शूराय, दैत्यकुलान्तक, सुरारर्चित, महातेजस, रामचूड़ामणिप्रदाय, कामरूपिण्ो, पिंगलाक्षाय, मैनाकपूजिताय, मार्तण्डमण्डलाय, विनितेन्द्रिय, रामसुग्रीव सान्धत्रे, महारावण मर्दनाय, स्फटिकाभाय, वागधीक्षाय, नवव्याकृतपंडित, चतुर्बाहवे, दीबन्धवे, महात्मने, भक्तवत्सलाय, अपराजित, शुचये, वाग्मिने, दृढ़व्रताय, कालनेमि प्रमथनाय, हरिमर्कटमर्कटाय, दन्ताय, शान्ताय, प्रसन्नात्मने, शतकण्ठमदापहते, योगिने, रामकथालोलाय, सीतान्वेणकर्ता, वज्रनखाय, रुद्रवीर्य, वायु पुत्र, अनघ, अकाय, राम भक्त, तत्वगम्य, वानरेश्वर, लंकारि व ब्रह्मचारी।।
यह भी पढ़ें- जानिए, हनुमान जी के द्वादशनाम का माहात्म्य
श्री हनुमान के 1०8 नामों का संकिर्तन करने से जीव का कल्याण होता है। उसकी समस्त बाधाओं का नाश होता है।
यह भी पढ़ें- हनुमत की तस्वीर लगाने में बरतें ये सतर्कता
उनके श्री चरणों से स्मरण और श्री राम की वंदन से जीव की सभी बाधाएं समाप्त होती हैं और सुखद- आनंदित जीवन की प्राप्ति होती है।
यह भी पढ़ें- आदिशक्ति भगवती दुर्गा की दस महाविद्याओं की कैसे करें उपासना, जानिए
यह भी पढ़ें –आदि शक्ति दुर्गा के नौ स्वरूपों में से महाकाली अवतार की रहस्य गाथा और माया का प्रभाव
यह भी पढ़ें – वैदिक प्रसंग: भगवती की ब्रह्म रूपता ,सृष्टि की आधारभूत शक्ति
यह भी पढ़े- माता वैष्णो देवी की रहस्य गाथा और राम, स्तुति मंत्र
यह भी पढ़ें – वैदिक प्रसंग: भगवती की ब्रह्म रूपता ,सृष्टि की आधारभूत शक्ति
यह भी पढ़े- इस मंत्र के जप से प्रसन्न होते हैं बृहस्पति देव, जानिए बृहस्पति देव की महिमा