हृदय शक्तिवर्धक
सेब का मुरब्बा 15-20 दिन खाने से हृदय की दुर्बलता, दिल बैठना ठीक हो जाता है।
उच्च रक्तचाप ( High Blood Pressure )
उच्च रक्तचाप होने पर दो सेब नित्य खाने से लाभ होता है। उच्च रक्तचाप में सेब खाने से पेशाब अधिक व जल्दी – जल्दी आता है। इससे शरीर का नमक बाहर निकल जाता है। गुर्दों को आराम मिलता है।
अधिक प्यास
सेब का रस पानी में मिलाकर पीने से प्यास कम लगती है। जिन्हें वायु विकार हो, उन्हें यह लाभदायक नहीं होगा।
पथरी
गुर्दे और मूत्राशय में पथरियाँ बनती रहती हैं। ऑपरेशन कराके निकाल देने के पश्चात् भी प्रायः पथरी बन जाती है। सेब का रस पीते रहने से पथरी बनना बन्द हो जाता है तथा बनी हुई पथरी घिस घिसकर मूत्र द्वारा बाहर आ जाती है। यह वृक्कों तथा मूत्राशय को शुद्ध करता है, गुर्दे का दर्द दूर होता है। यदि कुछ दिन केवल सेब ही खाकर रहें तो पथरी निकल जाती है अधिक भूख लगे तो अन्य शाक, फल खायें।
बहुमूत्र
सेब खाने से रात को बार – बार मूत्र जाना कम हो जाता है।.
भूख न लगना
( 1 ) खट्टे सेब का रस एक गिलास, मिलाकर स्वाद के दिन तक नित्य पीने से भूख अच्छी तरह लगने लगेगी।
( 2 ) खट्टे सेब के रस में आटा गूंधकर रोटी बनाकर नित्य खायें।
( 3 ) एक गिलास सेब के रस में मिश्री मिलाकर पीने से भूख अच्छी लगती है।
( 4 ) प्रातः भूखे पेट सेब खाने से भूख अच्छी लगती है।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए नित्य 300 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेने का प्रयत्न करें। एक सेब में 21 ग्राम प्रोटीन होता है।
मोटापा बढ़ाना
एक सेब काटकर रात भर चाँदनी या खुले में रखें। प्रातः इस प्रकार चालीस दिन खायें, मोटापा बढ़ जायेगा।
मात्रा — एक बार में एक से तीन सेब तक, जितने खाए जा सकें, खायें।
सावधानी – गला बैठने पर सेब न खायें। गाने वाले सेब न खायें।