इन मंत्रों के प्रभाव से मिलती है संतान

1
866

संतान की कामना सभी को होती है, लेकिन बहुत से ऐसे जोड़े होते हैं, जिनकी मनोकामना अधूरी रहती है। ऐसे जोड़े मनोकामना पूर्ण करने के लिए निम्न उल्लेखित उपाय अपना सकते हैं।

Advertisment

ईश्वर उनकी मदद करेगा, बशर्तें वे पूर्व श्रद्धाभाव से ईश्वर को शरणागत हों।

1- पति-पत्नी दोनों या फिर दोनों में कोई भी पूर्ण आस्था, विश्वास और श्रद्धाभाव से भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप के चित्र अपने कक्ष में लगाए और प्रतिदिन 1०8 बार निम्न उल्लेखित मंत्र का जप एक वर्ष करे। उसकी मनोकामना आवश्य ही पूरी होगी।
मंत्र है-
देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणंगता।।

नोट- शिशु के जन्म के बाद 21 बच्चों को भोजन कराकर यथाशक्ति दक्षिण आवश्य देनी चाहिए।

2- जब पुष्य नक्षत्र और रविवार का योग हो, यानी रवि पुष्य वाले दिन विधिपूर्वक अश्वगंधा की जड़ लाकर उसे छाया में सुखाकर पीसकर और फिर छानकर चूर्ण कर लें।

नित्य सवा तोला चूर्ण भ्ौस के दूध के साथ सेवन कीजिए। इसके साथ ही निम्न मंत्र की एक माला जप प्रतिदिन आवश्य करना चाहिए।
मंत्र है-
ऊॅँ नम: शक्ति रूपाय मम गृहे पुत्रं कुरु कुरु स्वाहा।

3- पुत्र की अभिलाषा हो तो स्त्री को चाहिए कि वह ऋतु स्नान से एक दिन पूर्व शिवलिंगी की बेल की जड़ में ताम्बे का एक सिक्का और एक साबुत सुपारी रखकर निमंत्रण दे आये। दूसरे दिन सूर्योदय से पूर्व ही वहां जाकर हाथ जोड़कर प्रार्थना करे- हे विश्ववैद्य, इस पुत्रहीन की चिकित्सा आप स्वयं ही करें। पुत्र छवि-विहीन इसकी कुटिया को संतान के मुखमंडल की आभा से आप ही दीप्त करें। ऐसा कहकर शिवलिंगी की बेल की जड़ में अपने आंचल सहित दोनों हाथों को फैलाकर घुटनों के बल बैठ जाए और सिर को बेल की जड़ से स्पर्श कराकर श्रद्धा से प्रणाम करें। इसके बाद शिवलिंगी के पांच पके हुएए लाल फल तोड़कर अपने आंचल में लपेट कर घर आएं। इसके बाद काली देसी गाय के थोड़े से दूध में शिवलिंगी के सभी दाने पीस-घोलकर इसी दूध के साथ पी जाएं तो पुत्र प्राप्ति होगी।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here