मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।कानपुर के बिकरुकाण्ड के बाद पुलिस कार्रवाई को ब्राह्मण विरोधी बता कर विपक्ष का बहुत बड़ा कुनबा राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा से ब्राह्मणों को बिदकाने का जबरदस्त प्रयास किया है। जिसका धीरे-धीरे असर दिखने लगा है।
बारी-बारी से यूपी के सभी विपक्षी दल भगवान परशुुुरा के नाम को आगे करके भाजपा के आंख से काजल (ब्राह्मण वोट बैंक) निकालने का स्ट्रोक चल दिया है। समाजवादी पार्टी के दो पूर्व ब्राह्मण विधायकों ने विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुये लखनऊ में 108 फिट ऊंची भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने की घोषणा कर दिया है। “काम बोलता है” का नारा देने वाली समाजवादी पार्टी के नेता अभिषेक मिश्रा और संतोष पांडेय ने घोषणा कर दिया कि लखनऊ में भगवान श्री परशुराम की 108 फीट मूर्ति के साथ उनका भव्य मंदिर बनाया जाएगा। यही नहीं साथ मे एक बड़ा पार्क और उसमें एजुकेशनल रिसर्च सेंटर भी बनाया जाएगा। दोनों पूर्व विधायकों ने बताया कि जब तक प्रोजेक्ट को हम फाइनल रूप न दे दे तब तक कुछ नहीं बता सकते। लेकिन भगवान परशुराम चेतना पीठ के अंतर्गत यह मंदिर बनवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक जो तय किया गया है उसके अनुसार भगवान परशुराम की 108 फीट की मूर्ति लगाएंगे। परशुराम जी की दुनिया मे इतनी बड़ी मूर्ति अभी कहीं नही है। यह सारा कार्य हम जनसहयोग से करेंगे। अभिषेक और संतोष कहते हैं कि सपा ने जनेश्वर मिश्रा की मूर्ति लगाई साथ ही बड़ा सा पार्क भी बनाया है जो सबके काम आ रहा है। उन्होंने कहा मैं समाजवादी पार्टी से जुड़ा हूं, तो जाहिर है इसके लिए सपा मुखिया की भी सहमति है।
हम मूर्ति बनाएंगे, हम मंदिर बनाएंगे, हम एजुकेशनल रिसर्च सेंटर बनायेगे। जहां किताबें लिखी जाएंगी, उस पर रिसर्च होगी। म्यूजिक तैयार किया जाएगा। कुल मिलाकर गुरुकुल का जो कॉन्सेप्ट है उसे एडॉप्ट करेंगे। इसके तुरंत बाद स्वभाव के विपरीत बसपा प्रमुख व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जो अभी तक दलित महापुरुषों की मूर्ति लगाने उनके नाम से पार्क बनाते-बनाते सत्ता से बाहर हो गयीं थीं वह भी आगे आकर बोलीं। भविष्य में यदि बसपा की सरकार बनी तो हम सभी जाति-धर्म के महापुरुषों की मूर्ति लगायेंगे। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार में सभी जातियों का सम्मान था आगे भी होगा। इसके बाद कांग्रेस भी ब्राह्मण ट्रैक पर दौड़ पड़ी। पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र लिख कर भगवान परशुराम की जयंती पर होने वाले अवकाश को फिर से देने का अनुरोध किया।योगी सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश में महापुरुषों के नाम से होने वाली छुट्टियां रद्द कर उस दिन उनकी जीवनी पर छात्रों व समाज को जागरूक करने का फरमान दिया था। उसी के विपरीत जतिन प्रसाद ने यूपी सरकार द्वारा परशुराम जयंती पर होने वाली छुट्टी को पुनः करने के लिये विचार करने का सुझाव दिया है। उन्होंने लिखा है कि भगवान परशुराम विष्णु भगवान के छठे अवतार कहे जाते हैं जिसके कारण वह ब्राह्मण सामज की आस्था का प्रतीक हैं।
https://www.sanatanjan.com/%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%95/