मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है। 176 मुकदमे दर्ज होने और 396 गिरफ्तारी के बाद सिपाही भर्ती का पेपर लीक करने वाले मुख्य आरोपी डॉक्टर शुभम मंडल को पुलिस ने मेरठ के कंकरखेड़ा से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ की टीमें पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के बाद कई और लोगों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यूपी पुलिस सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में शुभम मंडल ने ही अहमदाबाद में टीसीआई के वेयरहाउस में पेपर बॉक्स को पेचकस से खोला था। शुभम मंडल को इस काम के एवज में 15 लाख रुपए मिलने थे।
मगर, पेपर लीक होने के बाद परीक्षा कैंसिल हो गई और रकम नहीं मिली। बताया जा रहा है कि शुभम मंडल किसी भी बॉक्स को खोलने में माहिर है।शुभम मंडल नालंदा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की है और वह कटिहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर है।
इससे पहले असली मास्टरमाइंड राजीव उर्फ राहुल मिश्रा समेत दो लोगों को एसटीएफ ने दबोच लिया था। एसटीएफ की टीमें पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद कई और लोगों की गिरफ्तारी में दबिश दे रही थी।
सूत्रों के अनुसार, प्रिंटिंग प्रेस के नेटवर्क से यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। बता दें कि यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा 17 और 18 फरवरी 2024 को आयोजित की गई थी, लेकिन पेपर लीक की खबर की पुष्टि होने पर इस परीक्षा को निरस्त कर दिया गया। इसके बाद जांच के लिए एसटीएफ को लगाया गया, जिसने जगह-जगह छापेमारी की। जिसमें राजीव उर्फ राहुल मिश्रा, डॉक्टर शुभम मंडल समेत तीन लोगों को एसटीएफ ने पकड़ा है।
इससे पहले यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इन आरोपियों से क्वेश्चन पेपर और आंसर शीट भी बरामद हुई थी। इन आरोपियों ने बताया कि दूसरी पाली की परीक्षा का पेपर इन्हें वाट्सएप पर 17 फरवरी को ही मिल गया था।
इसके अलावा प्रयागराज के रहने वाले अजय सिंह चौहान और सोनू सिंह यादव को भी यूपी पुलिस ने पेपर लीक में गिरफ्तार किया है।