नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार देश में सुधारों की प्रक्रिया के प्रति गहरी प्रतिबद्धता जताते हुए आज कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए देश में 25 से 30 लाख सुधार करने होंगे जिसके बाद आम नागरिकों की मुसीबतें कम हाेंगी और उन्हें नये भारत का अनुभव होगा।
श्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए देशवासियों का आह्वान किया कि वे बदलाव के लिए आगे आयें। श्री मोदी ने कहा कि देश में सुधारों से देश का सामर्थ्य बढ़ता है। देश के हर नागरिक की भागीदारी से यह बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से 70 साल तक देश में नेतृत्व ने यथास्थिति बनाये रखने की प्रवृत्ति रखी। लेकिन देश के नौजवान बदलावों एवं सुधारों की प्रतीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “जरा आजादी से पहले के वो दिन याद करें। सैकड़ों साल की गुलामी और उसका हर कालखंड संघर्ष का रहा। युवा हो, किसान हो, महिला हो या आदिवासी हों… वो गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। इतिहास गवाह है, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व भी हमारे देश के कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जा रही थी।
वो एक समय था, जब लोग देश के लिए मर-मिटने के लिए प्रतिबद्ध थे और आजादी मिली थी। आज का समय, देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का है। अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है, तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता ‘समृद्ध भारत’ भी बना सकती है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “विकसित भारत-2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं। इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है, देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं और मुझे प्रसन्नता है कि मेरे देश के करोड़ों नागरिकों ने ‘विकसित भारत-2047’ के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं। मैं समझता हूं, जब देशवासियों की इतनी विशाल सोच हो, उनके इतने बड़े सपने हों, देशवासियों की बातों में जब संकल्प झलकते हों, तब हमारे भीतर एक नया दृढ़ संकल्प बन जाता है, हमारे मन में आत्मविश्वास नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है।”
उन्होंने कहा कि देश का आम नागरिक चाहता है कि उनकी तकलीफों को दूर करने के लिए कड़े से कड़े सुधार किये जायें। इसलिए हमारी सरकार के लिए सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता पिंक बुक के पेजों के लिए, या चार दिन की वाहवाही लूटने के लिए या कोई राजनीतिक मजबूरी में है, बल्कि ये देश को मजबूत बनाने के लिए है। सुधारों से ही प्रगति का ब्ल्यू प्रिंट बनता है। हमारा राष्ट्र प्रथम का संकल्प है।
प्रधानमंत्री ने बैंकिंग क्षेत्र, एमएसएमई, वित्तीय समावेशन सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों की चर्चा की और कहा, “हमने देश में ‘माई बाप कल्चर’ को बदला है और राजकाज का नया मॉडल विकसित किया है जिसमें सरकार खुद जरूरतमंद के पास जाती है।” उन्होंने कहा कि आज सरकार रसोई गैस, पानी, बिजली, आर्थिक मदद लोगों के घर के दरवाजे तक ले कर जा रही है। देश में हर क्षेत्र में सिस्टम में बदलाव किया जा रहा है। सौ से अधिक आकांक्षी जिले अपने राज्य के अन्य जिलों के समान आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि सुधारों से देश में संभावनाएं बढ़ीं हैं और इसका बदलाव कई क्षेत्रों में दिख रहा है। देश के युवाओं की आकांक्षा सुधारों की गति में उत्तरोत्तर वृद्धि देखने की है। इसी से स्वर्णिम भारत का लक्ष्य हासिल होगा। उन्होंने कहा कि 2047 के विकसित भारत में 25 से 30 लाख सुधार हो जाएंगे तो लोगों की मुसीबतें बहुत हद तक कम हो जाएंगी। देशवासियों को इस बदलाव के लिए आगे आना होगा।
प्रधानमंत्री ने हर दल, हर राज्य के जनप्रतिनिधियों को लोगों के जीवन को आसान बनाने के मिशन में सरकार का साथ देने का आह्वान किया। उन्होंने नागरिकों का भी आह्वान किया, “छोटी-छोटी समस्याओं के लिए भी सरकार को सुझाव दीजिए, सरकार उसे पर काम करेगी।” उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास में भारत की हिस्सेदारी बढ़ी है। सरकार प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करने में सफल हुई है। नागरिकों की सुविधाओं को प्राथमिकता देनी होगी। सरकार के कामकाज और डिलीवरी को अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है। बैंकों में सुधार का लाभ सभी क्षेत्रों को मिला। देश नई ऊंचाइयों को छूना चाहता है, इसलिए हर क्षेत्र में सरकार तेज गति से कार्य करेगी।