अंग फड़कन हमे भविष्य का संकेत देती है। बस इसे हमे समझना आना चाहिए। धर्म शास्त्रों में प्रत्येक अंग के फड़कने के भविष्य को लेकर संकेत बताये हैं। आइये, यहां हम आपको संक्षेप में बताते हैं, उम्मीद करते हैं कि आपके लिए उपयोगी साबित होंगे।
यदि मस्तक फड़कता है तो यह पृथ्वी लाभ का सूचक होता है। नेत्र का कोना फड़के तो लक्ष्मी का आगमन होता है। ललाट फड़के तो स्थान लाभ होता है। कन्धा फड़के तो भोग वृद्धि का सूचक है। दोनों भौंहे फड़के तो सुख प्राप्ति का सूचक है। बीच से भौहें फड़के तो महान सुख की प्राप्ति होती है। कपोल फड़के तो वारांगना प्राप्ति का सूचक है। नेत्र फड़के तो किसी प्रिय जन के दर्शन संभावित होते हैं।
नेत्र के समीप फड़के तो प्रियजन का आगमन होता है। नेत्र पक्ष फड़के तो राज्य लाभ होने का संकेत है। हस्त फड़के तो द्रव्य लाभ होने का संकेत है। नेत्रोध्र्व फड़के तो विजय का सूचक है। पाद फड़के तो हानि समझनी चाहिये। दायी बाह फड़के तो लाभ प्राप्ति का सूचक है। बायी बाह फड़के तो कष्ट का सूचक है।
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यहां बहुत ही संक्षेप में हमने आपको यह बताया है। विस्तार से भी हमारी वेबसाईट में इसे लेकर लेख है। संक्षेप में समझें कि दाहिना अंग पुरुष के लिए शुभ होता है तो बाया अंग नारी का शुभ माना जाता है।
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