नवग्रह हमारे जीव को प्रभावित करते हैं। हमारे प्रारब्ध के आधार पर हमे इन ग्रहों के प्रभाव से सुख व दुख की अनुभूति होती है। हम अपने प्रारब्ध को तो नहीं बदल सकते हैं, लेकिन वर्तमान में कर्म सुधार जरूर कर सकते है।
प्रारब्ध का प्रभाव कम हो, इसके लिए नव ग्रह शांति मंत्र उपयोगी होता है। इस मंत्र के प्रभाव से नव ग्रह शांत होते हैं। उनकी कृपा प्राप्त होती है।
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नवग्रह को शांत करने के लिए नीचे हम नौ ग्रह मंत्र का उल्लेख करने जा रहे है। इस मंत्र का लाभ प्राप्त करने के लिए कम से कम दिन में एक माला जप आवश्य करना चाहिए। एक माला का यहां आशय है कि 1०8 मनकों की माला। यदि आप इससे ज्यादा इस मंत्र का जप करना चाहते हैं तो 11, 21 या इससे अधिक जितना जप करने की आपकी क्षमता हो। इस मंत्र के जप से त्रिदेवों के साथ नवग्रहों की कृपा होती है।
नव ग्रह मंत्र है-
ब्रह्मा मुरारि स्त्रिपुरान्तकारी
भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतवे:,
सर्वे ग्रहा: शान्तिकरा भवन्तु।
भावार्थ-
हे ब्रह्मा, विष्णु व शिव मैं आपको प्रणाम करता हूं। हे त्रिदेव, आप सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु केतु सभी ग्रहों के अशुभ प्रभाव को शांत कीजिए। यह नवग्रह हमारे जीवन में शुभ प्रभाव दें।
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