जानिए, पवन मुक्तासन कैसे करें? पेट साफ न होता हो तो यह अचूक उपाय

0
4842

वन मुक्तासन करने की विधि हम आपको बताने जा रहे हैं, सबसे पहले अपने आसन पर शांतिपूर्वक चित्त सीध्ो लेट जाएं और एक पैर के घुटने को मोड़कर पेट की ओर लाएं। फिर अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में बांधकर घुटनों को हाथों से पेट की ओर खूब दबायें। फिर सांस भरकर पड़े हुए पैर को जमीन से थोड़ा सा उठाकर तानने का प्रयास करें और हाथों से दबे हुए पैर को सिर की ओर ताने। थोड़ी देर बाद धीरे-धीरे वायु को निकालते हुए पुन: शांतिपूर्वक लेट जाएं। यही प्रक्रिया फिर दूसरे पैर के साथ भी करनी चाहिए। इस प्रकार कम से कम तीन बार यह प्रक्रिया कीजिए।

Advertisment

जिन लोगों को शौच साफ न होता हो, उनको चाहिए कि वे प्रात:काल शौच जिह्वा तालु साफ करके चुल्लू से कम से कम एक पाव से आधा लीटर पानी पीएं। पानी पीने से कुछ मिनटों के बाद इस आसन को करें। शीघ्र लाभ के लिए दाये-बाये करवट बदलते रहें।

जानिए, इसके लाभ क्या है?

इस आसन से पेट पर तथा विश्ोषतया निचली आंतों पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पेट में वायु भर कर शरीर को तानने से बड़ी आंतों का मल नीचे सरकने लगता है और शौच साफ होता है। इस आसन के प्रभाव से बड़ी आंत मजबूत हो जाती है। इस आसन को गर्भवती स्त्रियों को नहीं करना चाहिए।

यह भी पढ़े- जानिए, शीर्षासन कैसे करें और इसके लाभ

इसके अतिरिक्त अन्य स्त्रियां इसे करके लाभ प्राप्त कर सकती है। आखिर में एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस आसन को नियमित रूप से करने से पेट की समस्या का स्थायी समाधान निकल जाता है, जिनका उल्लेख पूर्व में किया गया है।

प्रस्तुति

स्वर्गीय पंडित सुदर्शन कुमार नागर

सेवानिवृत्त तहसीलदार/ विशेष मजिस्ट्रेट, हरदोई

नोट:स्वर्गीय पंडित सुदर्शन कुमार नागर के पिता स्वर्गीय पंडित भीमसेन नागर हाफिजाबाद जिला गुजरावाला पाकिस्तान में प्रख्यात वैद्य थे।

यह भी पढ़ें – वैैष्णो देवी दरबार की तीन पिंडियों का रहस्य

यह भी पढ़ें – जाने, योग क्या है, क्यों करें आप योग और किस लिए करते हैं योग

यह भी पढ़ें – क्या है पतंजलि का आष्टांग योग,बीस से अधिक उपनिषदों में भी योग का उल्लेख

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here