जानिए, साढ़ेसाती दोष निवारण के प्रभावी उपाय

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नि देव को प्रसन्न करने के कुछ उपाय हम आपको बता रहे है, जोकि सहज हैं, इन उपाय को अपना कर आप सहज ही शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शनि देव न्याय के देवता है, यदि सच्चे भक्तिभाव से उनका ध्यान पूजन किया जाए तो वे शीघ्र ही कृपा करते हैं।

1- शनिवार के दिन किसी शनि मंदिर में जाकर शनि भगवान की प्रतिमा को तिल या फिर सरसों का तेल चढ़ायें।
2-मंत्र सिद्ध चैतन्य असली काले घोड़े की नाल को शनि पुष्य योग या फिर शनिवार के दिन अपने घर, दुकान, आफिस के द्बार की चौखट पर स्थापित करने से आश्चर्यजनक रूप से लाभ की प्राप्ति होती है।
3- शनिवार के दिन काले रंग के वस्त्र धारण करें और शनि के अष्टोत्तर नामों सस्वर उच्चारण करें। शनि कृपा की निश्चित रूप से प्राप्ति होगी।
4- प्रत्येक शनिवार को सरसों के तेल से रोटी चिपड़कर काले कुत्ते को खिलायें और बंदरों को चने खिलाएं। निश्चित लाभ मिलेगा।
5- श्री राम के परमभक्त हनुमान जी के भक्तों को शनिदेव पीड़ा नहीं पहुंचाते हैं। इसलिए नियमित रूप से बजरंगबाण, संकटमोचन हनुमानाष्टक और हनुमान चालीसा का भक्ति भाव से पाठ करें। इससे शनि देव शीघ्र प्रसन्न हो जाते है। उनकी कृपा प्राप्त होती है।

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6- हर शनिवार की रात में मंत्र सिद्ध चैतन्य काले अकील की माला से काले कम्बल पर बैठकर शनि बीज मंत्र का ज्यादा से ज्यादा संख्या में जप करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है।
7- स्त्री वर्ग का सम्मान और आदर करें। घर में कोई भी शुर्भ कार्य को आरम्भ करने से पहले स्त्री का हाथ जरूर लगाएं।
8- वृद्ध व्यक्ैित और अपाहिजों का आदर करने और चरण छूकर आशीष लेने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
9- यदि कोई स्त्री शनिदेव को सच्चे मन से अपने भ्राता के रूप में सम्मान दे तो शनि देव की उस स्त्री पर विश्ोष कृपा और अनुकम्पा होती है।
1०- शनिवार के दिन काले कुत्ते और कौए को मीठी रोटी डालने से भी शनिदेव अति प्रसन्न होते हैं।
11- शनैश्चरी अमावस्या के दिन गरीब व अपाहिज को पुराने वस्त्र, काले कम्बल, खाने की वस्तुएं और चमड़े के जूते-चप्पल दान में दें। इससे शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
12- अगर शनि पीड़ा से पीड़ित जातक, शनि शांति और कृपा प्राप्ति के लिए विधिपूर्वक चैतन्य एवं प्राण प्रतिष्ठा मंत्र सिद्ध पारद शनि प्रतिमा को अपने पूजन स्थल में शनिवार को स्थापित कर उसकी नियमित रूप से पूजा व अराधना करें तो इसका प्रबल प्रभाव दृष्टिगोचर होता है। इससे शनि देव की असीम कृपा प्राप्त होती है।
13- अगर शनि पीड़ा से मुक्ति प्राप्ति का प्रत्येक उपाय निष्फल होता दिखाई दे तो किसी योग्य तांत्रिक से गोपनीय रूप से शनि शांति अनुष्ठान कराना चाहिए।

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14- रात में सोते समय दोनों आंखों में असली सुरमा लगायें। शनिवार से आरम्भ करके यह प्रयोग नियमित रूप से करें। इससे निश्चित रूप से शनि प्रकोप शांत होता है।
15- शनि शांति के लिए असली नीलम या उप रत्न जड़ित मंत्र सिद्ध चैतन्य शनि यंत्र लॉकेट को किसी विद्बान ज्योतिषी से शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक निर्मित व अभिमंत्रित कर गले में धारण करें।
16- जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि की स्थिति ऐसी हो कि वे नीलम रत्न धारण नहीं कर सकते है तो योग्य ज्योतिष जन्म कुंडली का सूक्ष्म विश्लेषण कराकर और उनके परामर्श के अनुसार उपयुक्त वजन का उपरत्न धारण करने से भी लाभ होता है।

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