जानिए, सम्पूर्ण शनि शमन व हनुमत प्रसन्नता के दिव्य मंत्र

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1999

1- वीर भगवान बाहुक प्रयोग- यह सम्पूर्ण शनि शमन के लिए प्रयोग होता है-

यह अत्यन्त प्रभावी प्रयोग है। सर्व प्रथम स्वर्ण या रजत या ताम्र पत्र पर श्री वीर भगवान यांत्र का उत्कीर्णन कराएंं। लाल वस्त्र पर स्थापित कर गंगा या सरजू के जल से कुश द्बारा मार्जन करे, तत्पश्चात यंत्र राज के मध्य दाहिने हाथ अंगूठा रखकर प्रतिष्ठा का निम्न मंत्र का पाठ करें।

।। ऊॅँ आँ ह्रीं क्रों यं रं लं वं शं षं सं हं स: अस्य सर्वेन्दि्रयाणि वाअमन स्त्वक चक्षु: श्रोत्र जिह्वा घ्राणणाणि पाद पायूप स्थानि इहैवागत्य सुखं चिरंतिष्ठुन्तु स्वाहा।

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ऊॅँ मनोजुतिर्जुषता माज्यस्य बृहस्पतिर्यज्ञ मिमं तनोत्व रिष्टम् यज्ञं समिमंद धातु विश्वेदेवा स इहमादयान्तामो प्रतिष्ठ।। प्रधान पीठादि यांत्र रूप श्री हनुमान देवता सु प्रतिष्ठो वर दो भवतु

इति प्राण प्रतिष्ठा

 

षोडशोपचार पूजनोपरान्त रं रामाय नम:….. मंत्र की एक माला न्यनतम करना है।

नैवेद्य- देसी घी का लड्डू या मालपुआ या पंच मेवा हो। देसी घी न हो तो तिल का तेल हो। गुग्गल की धूप उचित है। तत्पश्चात 1०8 की एक माला हॅँ हनुमेत रुद्रात्मकाय हुगं फट् मंत्र का जप व जपते समय गोदुग्ध में निर्मित खीर की 1०8 आहूतियां दें।

तदोपरान्त यंत्रराज के सामाने एक माह तक नित्य चार पाठ हनुमान बाहुक के करने का विविधपूर्वक संकल्प लें। पाठ के समय यंत्र के सम्मुख घी का दीपक होना चाहिए और पाठ के आरंभ व अंत में नित्य 1०8 की एक-एक माला रं रामायनम मंत्र की जपनी चाहिए। यह अभिष्ठ सिद्ध करती है।

यंत्र स्वरूप

 

उपरोक्त प्रयोग अत्यन्त सावधानी पूर्वक करना चाहिए।

2- द्वादशाक्षरमं हनुमन्मन्त्र यन्त्रं

ताम्र पत्र या भोज पत्र पर लाल चंदन व केशर से लाल चंदन की कलम से यंत्र लिख्ो। व उसके अष्ट दलों में क्रमश: सुग्रीव, लक्ष्मण, अंगद, नल, नील, जामवंत, कुमुद, केसरी के नाम लिखकर यंत्र के दक्षिण में पवन तथा बाम में अंजनी लिखकर यंत्र राज का पूजन करें और अंतत: ऊॅँ कपिभ्यो नम:……. मंत्र द्बारा आठ बार पुष्पांजलि चढ़ावंे, अगर संभव हो तो हॅँ हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्…. मंत्र का एक लाख जप करे और दशांश हवन करे।

 

।। हॅँ हनुमते रुद्रात्मकाय हुगं फट्।।

3- शनि गायत्री मंत्र

।। काकध्वज विद्महे खंग हस्तताय

धीमही तन्नो मंद पचोदयात्।।

  

4- शनि मंत्र

नीलान्जन समाभासम् रवि पुत्र यम ग्रहम

चय मार्तण्ड समभूतिम तं नमामि शनिश्चचर:।

प्रस्तुति

विष्णुकांत शास्त्री
विख्यात वैदिक ज्योतिषाचार्य और उपचार विधान विशेषज्ञ
38 अमानीगंज, अमीनाबाद लखनऊ

मोबाइल नम्बर- 99192०6484 व 9839186484

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