जानिए, तेरहमुखी रुद्राक्ष धारण करने के मंत्र

0
824

तेरहमुखी त्रयोदशी रुद्राक्ष को लाल या पीले धागों में पिरोकर प्रात: काल स्नान-ध्यान करके अपने इष्टदेव के चरणों से स्पर्श कराकर ऊॅँ देवाये इंद्र देवाय नम:…….. मंत्र का जप करते हुए शुद्धता के साथ गले में हृदय तक धारण करना चाहिए। तेरहमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति राजसी मान-सम्मान को प्राप्त करता है और वह व्यक्ति शासकीय मामलों में बुद्धिमान व तेजस्वी माना गया है। तेरहमुखी रुद्राक्ष के देवता कामदेव हैं। इसे इंद्र की संज्ञा दी गई है। यह काम एवं रस-रसायन की सिद्धि प्रदान करने वाला और सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाला है। तेरह मुखी रुद्राक्ष को साक्षात विश्वेश्वर का स्वरूप माना गया है। इसके विषय में कहा जाता है कि तेरहमुखी रुद्राक्ष धारण करने मात्र से ही विश्वदेवा प्रसन्न होते हैं। इसका स्पर्श व दर्शन मात्र से ही करोड़ों महापातक नष्ट हो जाते हैं। यह हम पहले भी बता चुके है कि तेरहमुखी रुद्राक्ष इंद्र का स्वरूप माना गया है। यह रुद्राक्ष सभी के अर्थ और सिद्धियों की पूर्ति करने वाला है। यह रुद्राक्ष रस-रसायन और धातुओं की सिद्धियां देने वाला और सभी प्रकार यश प्रदान करने वाला होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति की सभी इच्छाएं स्वत: ही पूर्ण हो जाती है। यह परमप्रतापी और तेजस्वी रुद्राक्ष माना गया है।

Advertisment

पद्म पुराण के अनुसार तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के निम्न उल्लेखित मंत्र का प्रयोग करना चाहिए। इससे रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करना चाहिए।
मंत्र है- ऊॅँ क्षां चौं नम:
स्कन्द पुराण के अनुसार तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण् करने के लिए निम्न उल्लेखित मंत्र का प्रयोग करना चाहिए। इससे रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करना श्रेयस्कर होता है।
मंत्र है- ऊॅँ क्ष्यैं स्तौं नम:
महाशिव पुराण के अनुसार तेरहमुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए निम्न उल्लेखित मंत्र से अभिमंत्रित करना चाहिए।
मंत्र है- ओं ह्रीं नमो नम:
योगसार नामक ग्रंथ के अनुसार तेरहमुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए निम्न उल्लेखित मंत्र से अभिमंत्रित करना चाहिए।
मंत्र है- ऊॅँ क्षां क्षौं नम:
तेरहमुखी रुद्राक्ष को धारण करने का अन्य पावन मंत्र निम्न उल्लेखित है।
मंत्र है- ऊॅँ ईं यां आप: ऊॅँ

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here