आपको बताते हैं वास्तु से जुड़े शुभ- अशुभ शकुन विचार…….
1- जिस घर में काली चींटियां समूहबद्ध होकर घूमती हो, तो वहां सुख-ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। लेकिन यदि लाल चींटियां इस प्रकार से घूमें तो किसी बड़े नुकसान अथवा कष्ट की पूर्ण आशंका बनी रहती है।
2- अगर घर में अचानक ही काले चूहों की संख्या बढ़ जाए तो किसी विपत्ति के अनायास आगमन की अशंका होती है।
3- अगर किसी घर के मुख्य दरवाजे के समक्ष कुआं हो तो वहां रहने वाले मस्तिष्कीय व्याधियों से ग्रसित हो जाते हैं।
4- अगर घर के मुख्य द्बार के सामने कोई वृक्ष हो तो वहां के निवासी ईर्ष्यालु हो जाते हैं।
5- जिस घर के कमरे में दीमक की बांबी हो या घर में मधुमक्खी का छत्ता हो तो गृह स्वामी को असहनीय पीड़ा व कष्ट भोगना पड़ता है।
6- यदि घर के मुख्य द्बार के ठीक सामने से सड़क आरम्भ हो रही हो तो उस घर में रहना कभी भी बड़ा संकट उत्पन्न कर सकता है।
7- अधिक ऊंचे ऊंचे दरवाजे घर मे हों तो वहां प्रशासनिक बाधाएं आती हैं।
8- अगर घर के मुख्य दरवाजे अत्यधिक छोटे हो तो वहां चोरों का भय बना रहता है।
9- घर का मुख्य द्बार अत्यधिक विशाल नहीं होना चाहिए, अन्यथा वहां पर अनेक असमान्य घटनाएं होती रहती है।
1०- भूमि की खोदाई के समय जीवित सर्प का निकलना भवन निर्माण में दुर्घटना की सूचना देता है। ऐसे में सर्प शांति के बाद ही कार्य को आगे बढ़ाना चाहिए, यहीं श्रेयस्कर माना जाता है।
11- घर के मध्य क्ष्ोत्र में बड़ा गड्ढा होना या बहुत जन रखा होना या अत्यधिक गंदगी होना घर के मुखिया के लिए हानिकारक है।
12- घर में उत्तर व पूर्व की तरफ खुला शुभ होता है।
13- भवन भूमि का क्ष्ोत्र अगर चौरस अथवा आयताकार हो तो शुभ है, लेकिन यदि भूखंड टेढ़ा-मेढ़ा, त्रिकोणाकार अथवा असमान्यकार हो तो गृह में रहने वालों को अत्यधिक कष्ट देता है।
14- बहुत अधिक पथरीली भूमि पर बने भवन के निवासियों को अक्सर कोई न कोई कष्ट बना रहता है।
15- भूमि खोदते समय हड्डी या राख निकले तो भी वहां पर शांति कर्म कराना अत्यन्त आवश्यक होता है।