झूठ है, छल है, फरेब है हावी  जंग है तकरार है……… सोचता हूँ अक्सर क्या  यही संसार है………

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झूठ है, छल है, फरेब है हावी 

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जंग है तकरार है………

सोचता हूँ अक्सर क्या 

यही संसार है………

                                                                                       भृगु नागर, सनातनजन 

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

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