एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में छोटू नाम का एक लड़का रहता था। वह बहुत ही प्यारा और चंचल था, लेकिन उसे पतंग उड़ाने का बहुत शौक था। जब भी वह पतंग उड़ाता, उसकी पतंग सबसे ऊंची उड़ती थी।
एक दिन, छोटू को एक पुरानी दुकान में एक अनोखी पतंग दिखाई दी। वह पतंग बहुत सुंदर थी, और उस पर चमकदार सितारे बने थे। छोटू ने दुकानदार से पतंग खरीदी और दौड़ता हुआ अपने घर चला गया।
अगले दिन, छोटू ने अपनी नई पतंग को उड़ाने का फैसला किया। जब उसने पतंग को आकाश में छोड़ा, तो पतंग इतनी ऊंची उड़ने लगी कि छोटू की आंखें चमक उठीं। पतंग आसमान में इतना ऊंचा चली गई कि वह एक बादल के पास पहुँच गई। अचानक, वह पतंग सुनहरी रोशनी में बदल गई और उसमें से एक परी बाहर निकली।
परी ने कहा, “छोटू, तुमने इस जादुई पतंग को ढूंढा है। अब मैं तुम्हारी तीन इच्छाएँ पूरी कर सकती हूँ। सोचो, तुम्हें क्या चाहिए?”
छोटू ने सोचा और पहली इच्छा मांगी, “परी, मेरे पास बहुत सारी किताबें हों, ताकि मैं पढ़ाई कर सकूं और समझदार बन सकूं।” परी ने उसकी इच्छा पूरी कर दी, और छोटू के घर में एक बड़ा पुस्तकालय बन गया।
दूसरी इच्छा में, छोटू ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि मेरे माता-पिता हमेशा खुश रहें और कभी परेशान न हों।” परी ने उसकी यह इच्छा भी पूरी कर दी, और उसके माता-पिता हमेशा खुश रहने लगे।
तीसरी और आखिरी इच्छा के लिए, छोटू ने थोड़ा सोचा और बोला, “परी, मैं चाहता हूँ कि हमारे गाँव में हमेशा खुशहाली और शांति बनी रहे।” परी ने उसकी यह इच्छा भी पूरी कर दी, और गाँव में हमेशा खुशहाली और शांति बनी रही।
इसके बाद, परी ने छोटू को धन्यवाद कहा और उसे आशीर्वाद दिया। जब वह परी वापिस अपनी दुनिया में चली गई, तो छोटू ने अपनी पतंग को एक खास जगह पर रख दिया और हमेशा के लिए उसे याद रखी।
इस तरह, छोटू और उसकी जादुई पतंग ने न केवल उसकी जिंदगी बदल दी, बल्कि पूरे गाँव को भी खुशियों से भर दिया।