मातृकाओं में अत्यन्त भंयकर स्वरुप वाली कालिका देवी दुष्टों के लिए भयंकर और भक्तों के लिए सदैव ही करुणामयी मां हैं। इनके इस पावन स्वरूप का ध्यान करते हुए निम्न उल्लेखित जप मंत्र का जप करने से सर्वसुख की प्राप्ति होती है।
माता कालिका भक्तों पर बहुत ही जल्द प्रसन्न होती है।
यह भी पढ़ें- कलियुग में काली जल्द सुनती हैं भक्तों की पुकार
यदि श्रद्धाभाव से उन्हें नमन किया जाता है। उनका पूजन-अर्चन किया जाता है, तो वह भक्त की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती है और उसे मुक्ति प्रदान करती हैं।
काली स्तुति-
काली काली महाकाली
कालिके परमेश्वरी।
सर्वानन्दकरी देवी
नारायणी नमोअस्तुते।।
कालिका जप मंत्र-
1- ऊॅँ क्रीं कालिके स्वाहा।
2- ऊॅँ क्रीं हूं ह्रीं हुं फट्।
3- ऊॅँ क्रीं हूं ह्रीं।
4- ऊॅँ क्रीं हूं ह्रीं हुं फट् स्वाहा।
उपरोक्त मंत्र में से किसी एक मंत्र ग्यारह माला प्रतिदिन जप करें। जप के दशवें अंश का होम करें। तत्पश्चात हाथ जोड़कर श्रद्धा से काली स्तुति करें। भगवती काली आपकी मनोकामनाएं आवश्य पूरी करेंगी। काली स्तुति इस लेख में पूर्व में ही हमने आपके लिए प्रस्तुत की है। इसका पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ पाठ करें।
मंत्र जप में भी पूर्ण श्रद्धा का भाव होना चाहिए। इससे भगवती काली जल्द प्रसन्न होती है। माता कालिका की प्रसन्नता के लिए यह अमोघ है। माता कालिका जो भी सच्चे मन से नमन करता है, उसकी समस्त इच्छाएं पूर्ण होती है, क्योंकि कालिका देवी बहुत ही जल्द प्रसन्न होने वाली देवी है। देवी का यह स्वरूप अत्यन्त दिव्य और अत्यन्त ही भयंकर है। भक्तों के लिए यह ममतामयी है और दुष्टों के लिए संहारकारक हैं।
यह भी पढ़ें – वैदिक प्रसंग: भगवती की ब्रह्म रूपता ,सृष्टि की आधारभूत शक्ति
यह भी पढ़ें –भगवती दुर्गा की उत्पत्ति की रहस्य कथा और नव दुर्गा के अनुपम स्वरूप
यह भी पढ़ें –आदि शक्ति दुर्गा के नौ स्वरूपों में से महाकाली अवतार की रहस्य गाथा और माया का प्रभाव