- देवी या देवता की पूजा में पुष्पा का अपना विशेष महत्व होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ पुष्प अर्पित करने से देवता शीघ्र प्रसन्न होते हैं,जबकि कुछ पुष्प अर्पित करना शास्त्रों में उन्हें वर्जित किया गया है। वर्जित पुष्पों के अर्पण से देवता की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस लेख में आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं ।
षोडशोपचार पूजन आदि में ऐसा विधान है कि विष्णु जी को अक्षत यानी चावल नहीं चढ़ाया जाता हैं। तुलसी पत्र ही चढ़ाया जाता है। तुलसी पत्र अर्पित करने से भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव जी पर कमल पुष्प अर्पित नहीं किए जाते हैं, उन्हें बिल्वपत्र अर्पित किए जाते हैं। आयु, यश,कीर्ति, आरोग्यता के लिए ओम त्र्यंबकम यजामहे…. आदि मंत्र से त्रिनेत्रधारी भगवान शिवजी की उपासना की जाती है और उन्हें तीन पत्तों वाला फिल्म पत्र चढ़ाया जाता है।
इसी तरह देवी दुर्गा माता को कनेर के पुष्प अर्पित करने का विधान है। किससे देवी अत्यंत प्रसन्न होती है।
सूर्य देव को जवाकुसुम और गणेश जी पर दुर्वा यानी दूब चलानी चाहिए। इससे गणेश जी और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। कमल का पुष्प भगवान शिव जी द्वारा श्रापित है, इसलिए कमल पुष्प और उसके परागों के मिश्रण से बना कुमकुम शिवलिंग पर नहीं चढ़ाए जाते हैं।
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