रात के पहले प्रहर में देखे गए सपने एक वर्ष में अपना फल प्रदान करते हैं। दूसरे प्रहर में देखे गए सपने छह महीने में फलीभूत होते हैं, जबकि तीसरे प्रहर में देखे गए सपने तीन महीने में अपना प्रभाव दिखाते हैं, यानी उनका फल तीन महीने में प्रकट होता हैं। चौथे प्रहर में देखे गए सपने पंद्रह दिन में अपना प्रभाव दिखाते हैं। अरुणोदय की वेला में दिखे सपने दस दिन में अपना प्रभाव दिखाते है।
यदि अच्छा स्वप्न आए तो किसी से न बताने से इसका अधिक सकारात्मक प्रभाव होता है, यहां अच्छा कहने का आशय शगुन की दृष्टि से शुभता है, जबकि खराब यानी अशुभ सपनों को अधिक से अधिक लोगों को बताना चाहिए। इससे इसका प्रभाव कम हो जाता है। अशुभ स्वप्न आने के बाद उसकी शांति के लिए स्नान करें। किसी विद्बान ब्राह्मण से इस विषय में चर्चा कर शांति करवायें। देव अराधना करें।
माता-पिता-गुरु का भी आर्शीवाद प्राप्त करें। तिलों का हवन करें। ब्रह्मा, विष्णु,शिव, शक्ति और सूर्य व इनके गणों की पूजा अराधना करें। इनका पाठ करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी करना अच्छा माना जाता है। इससे बुरे सपने का प्रभाव समाप्त होता है।