क्षीर भवानी योगमाया सिद्धपीठ ( श्रीनगर ): किसी अनहोनी की सूचना देता है मंदिर, श्रीराम ने वनवास के दौरान मां राग्याना की पूजा की थी

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ksheer bhavaanee yogamaaya siddhapeeth ( shreenagar ): kisee anahonee kee soochana deta hai mandir, shreeraam ne vanavaas ke dauraan maan raagyaana kee pooja kee theeक्षीर भवानी योगमाया सिद्धपीठ ( श्रीनगर ) के विषय में किंवदंती है कि श्रीराम ने वनवास के दौरान मां राग्याना की पूजा की थी और उस समय से यह प्राचीन मंदिर यहां स्थित है। जम्मू – कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से 27 किलोमीटर उत्तर में क्षीर भवानी या राग्याना देवी का योगमायापीठ गंदरबल जिले के तुलमुला गांव के एक जलाशय के मध्य स्थित है। यात्री तथा श्रीनगरवासी इस मंदिर में अत्यधिक आस्था रखते रखते है|

क्षीर भवानी योगमाया सिद्धपीठ ( श्रीनगर ) का उल्लेख

श्वेत संगमरमर से निर्मित एक छोटा व सुंदर मंदिर है। बड़े मंदिर के अंदर एक छोटा मंदिर है, जिसमें माता क्षीर भवानी की मूर्ति स्थापित है। इसके चारों ओर एक सुंदर जलाशय है, जिसके जल का रंग समय – समय पर परिवर्तित होता रहता है और किसी अनहोनी की सूचना देने हेतु जल का रंग काला हो जाता है। अमरनाथ गुफा के बाद यह सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यहां भक्तगण दूध तथा खीर का भोग लगाते हैं, अत : इसे क्षीर भवानी ( खीर भवानी ) मंदिर के नाम से जाना जाता है। आतंकी घटनाओं से भयभीत होकर कश्मीरी पंडितों ने जम्मू के निकट भवानी नगर में हूबहू मूल मंदिर की तरह एक नया क्षीर भवानी मंदिर बनवा लिया था, परंतु वर्तमान में पंडितों ने मूल मंदिर की पूजा – अर्चना पुनः प्रारंभ कर दी है।

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यात्रा मार्ग

वायु व रेल मार्ग द्वारा पहले जम्मू ही जाना पड़ता है। जम्मू से वायु मार्ग द्वारा श्रीनगर जाया जाता है, पर रेलयात्री बस द्वारा ही श्रीनगर पहुंच पाते हैं। निजी वाहनों द्वारा भी श्रीनगर पहुंचा जा सकता है।

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