कुम्भ राशि ( AQUARIUS ) की सामान्य विशेषताएं, स्वभाव व परिचय

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कुम्भ कालचक्र की ग्यारहवीं राशि है। राशि वायु तत्व , तमोगुण , स्थिर स्वभाव और शनि ग्रह से प्रभावित होती है। आपकी राशि का प्रतीक चिह घड़ा न्याय एवं ज्ञान का परिचायक है।  कुम्भ राशि का जातक सुन्दर व्यक्तित्व वाला, प्रभावशाली एवं मिलनसार व्यक्ति होगा। बुद्धिमान साधन सम्पन्न तीव्र स्मरण शक्ति और गम्भीर प्रकृति वाला होगा। दूसरों के प्रति दयाभाव रखने वाला, परोपकारी एवं निस्वार्थ भाव से सेवा करने में तत्पर स्वाभिमानी , स्वतन्त्रताप्रिय एवं नए – नए मित्र बनाने में भी पीछे नहीं हटेगा।

उद्योगी उद्यमी , परिश्रम प्रकृति और प्रबन्धात्मक योग्यता विशेष होगी और उपयुक्त साधन उपलब्ध होने पर देश विदेश में जाने के सुअवसर प्राप्त होंगे। महत्त्वाकांक्षी होते हुए भी क्रियात्मक दृष्टिकोण रखेंगे और अनेक विघ्न – बाधाओं व कठिनाईयों के बाद ही जीवन में उच्च स्थिति , धन , पदादि प्राप्त करने में सफल होंगे। कुम्भ जातक या जातिका मानवीय गुणों से भरपुर और अपने उद्देश्य के प्रति पूरे ईमानदार तथा प्रतिबद्ध होते हैं। वे अतिवादी नहीं होते।

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बड़ों का सम्मान भी यह हदय से करते हैं। कुम्भ जातक किसी भी परिस्थिति के अनुकूल अपने आप को ढाल सकते हैं। कुम्भ जातकों की मित्रता का आधार उनकी व्यक्तिगत परख होती है। फिर भी इनसे स्थायी सम्बन्धों की अपेक्षा नहीं की जा सकती। इस राशि के जातक फोटोग्राफर , वैज्ञानिक लेखन , मनोवैज्ञानिक प्रशासक , वकील , सफलतापूर्वक बन सकते हैं। कुम्भ राशि के जातक छल कपट से नफरत करते हैं और किसी से पैसा उधार लेना अच्छा नहीं समझते। ऐसे जातकों को अपने से अधिक दूसरों के सुख की चिन्ता रहती है।

दूसरों का चरित्र व व्यक्तित्व जांचने में माहिर होते हैं। इस राशि के जातकों का स्वास्थ्य साधारणत : सामान्य रहता है। पेट एवं वायु विकार आदि रोगों से ग्रस्त होते हैं पर अपने आत्म विश्वास के बल पर शीघ्र स्वास्थ्य लाभ कर लेते हैं। आपका प्रेम कल्पना प्रधान होता है । आप अपने प्रेमपात्र से शरीर की अपेक्षा मानसिक धरातल पर सम्पर्क बनाए रखना चाहते हैं । विवाह आपके लिए एक समस्या है क्योंकि प्रत्येक समय आप नवीनता की तलाश में रहते हैं । आप सभी रहस्यों को छिपाकर रखते हैं । आपका प्रेम एकान्तमयी एवं गृहस्थ जीवन में आपको असुविधा रहती है ।

आपका मेष , सिंह एवं धनु राशि से अच्छे प्रेम संबंध रहते हैं । कर्क , वृश्चिक एवं मीन राशि वालों से भी अच्छी निभती है । मिथुन और तुला राशि वालों से सामान्य संबंध रहते हैं । आपका वृष , कन्या एवं मकर राशि वालों से विरोध बना रहता है। आप बलिष्ठ शरीर के स्वामी होते हैं । लेकिन पांव तथा घुटने दुर्बल होते हैं पेट गुर्दे तथा मज्जा तन्तु भी अशक्त रहते हैं । आप अधिकतर पांव में मोच , पेट के रोगों , रक्त की अल्पता , गैस्ट्रिक ट्रबल , खुजली , रक्त विकार त्वचा रोग , शीत विकार , हृदय रोग , पागलपन गंजापन , अपघात आदि रोगों या विकारों से परेशान रहते हैं । आपको स्वास्थ्य के लिए नियमित पौष्टिक एवं सन्तुलित आहार लेना चाहिए। अति भावुकता , मानसिक अस्थिरता एवं आलस्य से बचना चाहिए ।

आप स्पष्टवादी तो हैं किन्तु कई बार न कहने वाली बात भी कह जाते हैं । कोई भी बात सोच समझकर कहे । आपकी हानि का कारण आपका क्रोध एवं जल्दबाजी है। आप तकनीकी , दिमागी और रहस्यमयी कार्यों में विशेष सफल हो सकते हैं। आप अनुसंधानकर्ता , लेखकर , पत्रकार राजनीतिज्ञ , नेता , संगीतकार , कलाकार , तेल , षड्यन्त्रकारी , इन्सपेक्टर , जासूस , तांत्रिक नेतृत्वकर्ता , ठेकेदारी , मशीनरी संबंधी कार्य , लघु उद्योग , ज्योतिषी , प्रिंटिंग प्रेस फाऊन्ड्री , इन्जीनियर क्लर्क , टाईपिस्ट स्टेनो कम्प्यूटर , लैब असिस्टेंट वास्तु कला , रसायनज्ञ , लोहा , चाय , कृषि , कोयला , खनिज तेल अनुवादक , फोटोग्राफी प्रूफ रीडर , मनोवैज्ञानिक आदि कार्यों को करके विशेष सफल हो सकते हैं। वृष , कन्या एवं मकर राशि से वालों से सदैव शत्रुवत संबंध रहता है , इनसे बचकर रहे या सतर्कता पूर्ण व्यवहार रखें ।

कुम्भ राशि के पुरुष

  • आपका स्वार्थ आपको विश्वासघाती बनाता है।
  • आपके अनुसन्धान के फलस्वरूप समाज को कुछ नूतन मार्गदर्शन मिलता है।
  • आप सगे सम्बन्धियों को खुश रखने का प्रयास करते हैं।
  • आप स्वभाव के सरल और मुहफट होते हैं।
  • आप जरूरत से ज्यादा सोचकर कार्य करते हैं , इसीलिए शीघ्र सफलता नहीं मिलती है।
  • अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं। तल्लीनता के कारण ही स्थिरता और टिकाऊपन है।
  • विचित्रता तो आपके स्वभाव में बसी है । मानवता आपके रग रग में बसी होती है।
  • आप लक्ष्य तक पहुंचकर ही सांस लेते हैं।
  • आप मानव सेवा में तत्पर रहते हैं, लेकिन मित्र के व्यवहार से दुःखी रहते हैं।
  • आपका प्रेम एकान्तमयी और गृहस्थ जीवन असुविधामयी होता है।
  • आप अपने प्रयासों से ही सुख भोगते हैं।
  • आप सदैव कुछ नया करने में व्यस्त रहते हैं।
  • आप निराश होना नहीं जानते हैं।
  • आपमें नेतृत्व का गुण पाया जाता है , इसीलिए समाज आपके कार्यों की प्रशंसा करता है।
  • आपकी कर्मठता आपको हुनरमंद बना देती है।
  • आप आत्मप्रशंसक होते हैं।
  • गम्भीर, उदार व दृढ़ स्वभाव के होते हैं।

कुम्भ राशि की स्त्री

  • आप अपने उत्तरदायित्व को पूर्णत : समझती हैं।
  • आपको छिछोरापन एवं व्यर्थ के हंसी मजाक असा है।
  • आप प्रेम की भूखी होती है।
  • आपका गृहस्थ जीवन सामान्य तथा निज प्रयासों से सुखी होता है।
  • आप जरूरत से ज्यादा सोचकर कार्य करती हैं , इसीलिए शीघ्र सफलता नहीं मिल पाती है।
  • आपको कलात्मकता पसन्द है।
  • आप उदार हदयी तथा ईश्वर पर पूर्ण आस्था रखती हैं।
  • आप हस्तकला में प्रवीण , भावुक तथा पतिव्रता होती हैं।
  • प्रेम के क्षेत्र में सफल एवं अपने व्यवहार से दुःखी होती हैं।
  • आपका बच्चों से विशेष लगाव रहता है।
  • आप बड़े और सम्पन्न परिवार वाली और पतिप्रिया होती हैं।
  • मान सम्मान से युक्त उत्तम स्वभाव वाली एवं शत्रुहन्ता होती हैं।
  • आप शान्त , गम्भीर , साहसी व धैर्यवान होती हैं।
  • आप स्वभाव की सरल और मुंहफट होती हैं ।

उपाय – शनिवार का व्रत रखना और कौओं को बाजरा डालना शुभ रहेगा। सवा पांच रत्ती का नीलम सोने की अंगूठी में जड़वाकर मध्यमिका अंगुली में शुक्लपक्ष के शनिवार में सूर्योदय से प्रथम घटे के भीतर शनि मन्त्र से अभिमन्त्रित करके धारण करना शुभफलप्रद है ।

शनिवार का व्रत सदैव लाभप्रद है शनिवार को सरसों के तेल में छाया देखकर एक सिक्के सहित दान करना उत्तम फलप्रद है । शनिवार को लोहा , उड़द कुलथी . तेल काला कपड़ा , काला फूल , कस्तूरी , खड़ाऊ आदि वस्तुओं का दान उत्तम फलप्रद है । काला , सफेद या हरा रूमाल सदैव पॉकिट में रखें। राशि वालों को नीलम नग 5,7.9.12 रत्ति का पंचधात् , लोहे या सोने की अंगुठी में शनि के बीज मन्त्र ” ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः ” मन्त्र से 23000 की संख्या में अभिमंत्रित करके धारण करें।

शुभ वार – शुक्र शनि व बुध शुभ दिन।

शुभ रंग – नीला , काला व लाल रंग।

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सम्मोहन: वर पक्ष को राजी करने, पति-पत्नी के सम्बन्ध मधुर बनाने और सुख- प्रसन्नता प्राप्त करने के अदभुत मंत्र

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