………….मानव होकर पशुता करते हो, पशुओं से तो भिन्न दिखो,

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मानव बन कर आए हो तो मानव हेतु कल्याण करो ,

मानव बन कर आए हो तो मानव हेतु कल्याण करो ,
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने मानव बनकर नैतिक ,आदर्श दिए,
श्री कृष्ण ने मानव बन कर हमें प्रेम, गीता के सार दिए,
गौतम बुद्ध भी ज्ञान,अहिंसा का पाठ पढ़ा गए,
मानव योनि में जन्म लिया है, तो उसका सम्मान करो,
मानव होकर तुम क्यों दानव जैसा व्यवहार करो?
लगे हुए हो तुम निज भोग संचय में,
स्वयं पर मत अभिमान करो,
स्व से कमतर निर्बल से तुम क्यों अभद्र व्यवहार करो?
मानव होकर पशुता करते हो, पशुओं से तो भिन्न दिखो,
कुदरत ने इतना सब कुछ दिया है तुमको, तुम उसका आभार करो,
गुरु बनकर जो जीवन में आए तुम उनका साधुवाद करो,
रब ने जो कुछ दिया है तुमको हर पल उनकी अरदास करो,
मानव बन कर आए हो तो, मानव हेतु कल्याण करो।

डॉ. ऋतु नागर
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