लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व और निर्देशन में ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। महिला स्वावलंबन व शसक्तीकरण की दिशा में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा नित नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। मनरेगा योजना में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी में इस वर्ष अन्य वर्षो की तुलना में सबसे अधिक है। ग्रामीण महिलाओं की आजीविका संवर्धन से महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं।
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक मनरेगा योजना के तहत कुल 8.70 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए, जिनमें से 3.78 करोड़ महिलाएं हैं, जो लगभग 43.53 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के तहत महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 2020-21 में 33.57 प्रतिशत रही, वर्ष 2021-22 में 37.25 प्रतिशत रही, वर्ष 2022-23 में 37.87 प्रतिशत रही, वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 42.26 प्रतिशत हो गई और वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक यह प्रतिशत 43.53 हो गया,जो अब तक का सबसे अधिक प्रतिशत है ।
आयुक्त, ग्राम्य विकास श्री जी0एस0 प्रियदर्शी ने बताया कि मनरेगा योजना में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने हेतु लगातार निर्देशित किया जा रहा है। फील्ड में तैनात अधिकारियों को समय-समय पर आवश्यक दिशा निर्देश भी निर्गत किये जाते हैं। मनरेगा योजना से जोड़ते हुए ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है।